सीजी भास्कर, 6 नवंबर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े अंतरराज्यीय गिरोह (Human Trafficking Case Bilaspur) का पर्दाफाश किया है। जीआरपी (GRP) की टीम ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन से एक नाबालिग लड़की को छुड़ाया, जिसे कथित तौर पर उसके मुंहबोले मामा ने एक लाख रुपये में बेचने की कोशिश की थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एएसआई विश्वनाथ चक्रवर्ती ने बताया कि जीआरपी जवानों ने रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिग को रोते हुए देखा। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि उसका मुंहबोला मामा निराकार उर्फ डिस्को रोहिदास (Human Trafficking Case Bilaspur), निवासी सिलेट, ओडिशा, अपने साथी विकास नायक (निवासी बाबखेडा, टिकमगढ़, मध्यप्रदेश) के साथ 31 अक्टूबर को उसके घर पहुंचा था। वहां उसने लड़की के माता-पिता से एक लाख रुपये में सौदा तय किया और मौके पर 10 हजार रुपये भी दिए।
किशोरी के मुताबिक, दोनों ने उसके माता-पिता और नाना को शराब पिलाकर बेहोश कर दिया और उसे लेकर स्टेशन आ गए। ट्रेन में बैठते समय लड़की ने रोना शुरू किया, जिससे जीआरपी जवानों को शक हुआ। पूछताछ में पूरी कहानी सामने आ गई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 137(2), 96, 143, 3(5) और पॉक्सो एक्ट (Human Trafficking Case Bilaspur) के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।
गरीब परिवार की बेटियों को बनाते थे निशाना
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य ओडिशा और मध्यप्रदेश के दूरदराज गांवों में गरीब परिवारों को टारगेट करते थे। वे माता-पिता को शादी या नौकरी का झांसा देकर अपनी बेटियों को सौंपने के लिए राजी करते थे। इसके बाद लड़कियों को दूसरे राज्यों में ले जाकर शोषण किया जाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि ये आरोपी छोटे स्तर पर चोरी और ठगी की वारदातों में भी शामिल रहे हैं। पुलिस अब गिरोह के नेटवर्क और अन्य संभावित पीड़ितों की तलाश कर रही है।
जीआरपी और आरपीएफ की त्वरित कार्रवाई से बची किशोरी
किशोरी की सूझबूझ और जीआरपी टीम की तत्परता से यह वारदात टल गई। जैसे ही वह ट्रेन में रोने लगी, जीआरपी के जवानों ने बिना देर किए उसे रोककर पूछताछ शुरू की। मौके पर मौजूद एएसआई ममता मिश्रा और महिला आरक्षक एमरेनसेरिया डुंगडुंग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़िता को सुरक्षित संरक्षण में लिया। मामले में आगे की जांच के लिए आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम बनाई गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय किया जा रहा है।
