सीजी भास्कर, 7 नवंबर | छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur AAP District President Threatens Journalist) जिले में पत्रकार और आम आदमी पार्टी (AAP) के जिलाध्यक्ष के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पत्रकार भरत दुर्गम ने पार्टी के जिलाध्यक्ष सतीश मंडावी पर फोन पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला राज्योत्सव कार्यक्रम की कवरेज के बाद का बताया जा रहा है। पत्रकारों ने सामूहिक रूप से थाने पहुंचकर FIR दर्ज करने की मांग की है।
फोन पर गालियां और धमकी: पत्रकार का गंभीर आरोप
पत्रकार भरत दुर्गम ने बताया कि 4 नवंबर 2025 को उन्हें लगातार फोन कॉल्स (Threat Calls to Journalist) आए। उनका आरोप है कि सतीश मंडावी ने कॉल पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी दी।
दुर्गम का कहना है कि यह धमकी उन्हें राज्योत्सव कवरेज से संबंधित खबरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद दी गई। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शब्दों की धमकी नहीं, बल्कि मानसिक रूप से दबाव बनाने की कोशिश थी।
मानसिक उत्पीड़न का मामला: पत्रकार ने किया खुलासा
पत्रकार के अनुसार, मंडावी ने फोन पर न केवल अपशब्द कहे बल्कि कई बार उन्हें डराने की कोशिश की। दुर्गम ने कहा, “उन्होंने लगातार अश्लील भाषा का प्रयोग किया और मुझे चुप कराने की कोशिश की।”
उन्होंने इसे (Mental Harassment Case) मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में बताया और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का जिक्र, बढ़ी गंभीरता
दुर्गम ने अपनी शिकायत में बीजापुर के ही पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती धमकियों से माहौल डराने वाला बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि “मुकेश चंद्राकर की हत्या सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की खबर लिखने के बाद हुई थी। अब मुझे भी उसी तरह की धमकियां मिल रही हैं।”
उन्होंने (Press Freedom in Bastar) पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
आप जिलाध्यक्ष ने मानी गलती, मांगी माफी
इस पूरे विवाद पर AAP जिलाध्यक्ष सतीश मंडावी का पक्ष भी सामने आया है। उन्होंने माना कि सोशल मीडिया पर चल रहे कुछ कमेंट्स के बाद उन्होंने भरत दुर्गम को अपशब्द कहे थे।
मंडावी ने कहा कि उन्होंने गलती स्वीकार की है और माफी मांग ली है, ताकि मामला आगे न बढ़े। हालांकि, पत्रकारों का कहना है कि माफी काफी नहीं है—कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस जांच में जुटी, साक्ष्य खंगाले जा रहे
बीजापुर कोतवाली प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और (Police Investigation in Bijapur) प्रारंभिक जांच शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा, “आवेदन में बताए गए कॉल रिकॉर्ड, वीडियो और गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं, पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई में देरी हुई, तो वे सामूहिक प्रदर्शन करेंगे।
पत्रकार सुरक्षा पर उठे सवाल, समाज में बढ़ी चिंता
यह मामला (Journalist Safety Issue) अब पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ी बड़ी बहस में बदल गया है। स्थानीय मीडिया संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि पत्रकारों को धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
बीजापुर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसी घटनाएं न सिर्फ प्रेस की आज़ादी पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी चुनौती हैं।
