सीजी भास्कर, 8 नवंबर | व्यापार की नई परिभाषा: अब बिना ट्रेड लाइसेंस (Chhattisgarh Trade License) नहीं चलेगी कोई दुकान
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Trade License) सरकार ने राज्यभर में व्यापारिक गतिविधियों को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब गुमटी से लेकर मॉल की दुकान तक, हर व्यापारी को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। शुक्रवार को जारी राजपत्र अधिसूचना के साथ यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने राज्य के 192 निकायों में यह व्यवस्था लागू की है। जिन दुकानदारों के पास यह लाइसेंस नहीं होगा, उन्हें अब व्यापार चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
तीन श्रेणियों में तय होंगे शुल्क, हर दो साल बढ़ेगा 5%
इस नई व्यवस्था के तहत नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सड़क और बाजार के आधार पर कैटेगरी तय की गई है, ताकि छोटे-बड़े सभी व्यापारियों पर समान असर पड़े।
अब दुकानदार 10 साल तक का शुल्क एक बार में जमा कर सकेंगे, जबकि शुल्क में हर दो वर्ष पर 5% की बढ़ोतरी होगी।
- नगर निगम में अधिकतम शुल्क ₹30,000 प्रति वर्ष
- नगर पालिका में ₹20,000 प्रति वर्ष
- नगर पंचायत में ₹10,000 प्रति वर्ष
पहले यह व्यवस्था केवल 45 निकायों में थी, पर अब पूरे प्रदेश में लागू होगी।
‘ट्रेड लाइसेंस’ से मिलेगा अधिकार और भरोसा (Business Authorization)
इस लाइसेंस से न केवल व्यापार कानूनी रूप से अधिकृत होगा, बल्कि दुकानदारों को सरकारी दस्तावेज़ी पहचान भी मिलेगी। इससे बैंक से लोन प्राप्त करने में आसानी होगी। पहले अधिकांश व्यापारी गुमाश्ता (Gumashta License) के माध्यम से कार्य करते थे, जो केवल उन दुकानों को मिलता था जहाँ 10 से अधिक कर्मचारी होते थे।
अब हर व्यापारी — चाहे उसका कारोबार छोटा हो या बड़ा — Trade License लेकर अधिकृत रूप से व्यवसाय चला सकेगा।
गुमाश्ता और ट्रेड लाइसेंस में अंतर (Difference Between Gumashta and Trade License)
- गुमाश्ता – श्रम विभाग द्वारा जारी किया जाता है और यह केवल उन प्रतिष्ठानों को दिया जाता है जहां 10 से अधिक लोग कार्यरत हों।
- ट्रेड लाइसेंस (Trade License) – नगरीय निकाय द्वारा जारी किया जाता है, जिसे कोई भी व्यापारी प्राप्त कर सकता है, चाहे उसकी दुकान कितनी भी छोटी क्यों न हो।
मॉल से लेकर गुमटी तक सभी पर समान नियम
नई अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि मॉल की हर दुकान को अलग-अलग लाइसेंस लेना होगा।
यहां तक कि अगर कोई दुकानदार वाहन (Mini Truck, Jeep, Pickup Van) पर भी व्यापार करता है, तो उसे भी लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए शुल्क तय किए गए हैं—
- नगर निगम में ₹400
- नगर पालिका में ₹300
- नगर पंचायत में ₹200 प्रति वर्ष
वहीं गुमटी या कच्ची दुकान के लिए शुल्क क्रमशः ₹250, ₹150 और ₹100 तय किए गए हैं।
लाइसेंस रिन्यू न कराने पर होगी सख्ती
ट्रेड लाइसेंस (Trade License Renewal) न्यूनतम दो वर्ष के लिए मान्य रहेगा।
अगर कोई व्यापारी 6 माह के भीतर लाइसेंस रिन्यू नहीं कराता, तो उस पर 15% आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
6 माह से अधिक विलंब होने पर ₹10 प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा, और एक वर्ष से अधिक देरी होने पर दुकान सील कर दी जाएगी।
व्यापारियों के लिए राहत: 10 साल तक का लाइसेंस एक साथ
नई व्यवस्था में व्यापारी एक बार में 10 वर्षों के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।
मियाद खत्म होने से एक माह पूर्व उसका नवीनीकरण कराना आवश्यक होगा।
यह कदम न केवल प्रशासनिक बोझ को कम करेगा बल्कि व्यापारियों को दीर्घकालिक स्थिरता भी प्रदान करेगा।
छोटे व्यापारियों के लिए फायदे
बाजार व्यवस्था में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी
व्यापार को वैधानिक मान्यता मिलेगी
बैंक से लोन लेने में सुविधा
निकाय के रिकॉर्ड में पंजीकृत व्यापारी होने से सरकारी योजनाओं का लाभ
