सीजी भास्कर, 8 नवंबर। मरवाही थाना क्षेत्र में एक दस वर्षीय बालक की संदिग्ध मृत्यु की गुत्थी को पुलिस (Marwahi Crime New) ने सुलझा लिया है। जांच में सामने आया कि मृतक के बुआ के बेटे ने नशे की हालत में अप्राकृतिक कृत्य करने के बाद उसकी हत्या कर दी और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फांसी पर लटका दिया। मरवाही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
(Marwahi Crime New) घटना का विवरण
2 नवंबर 2025 को थाना मरवाही को सूचना मिली कि एक दस वर्षीय बालक अपने घर के पास निर्माणाधीन भवन की म्यार में फांसी (Marwahi Crime New) पर लटका हुआ है। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया और मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। घटना स्थल का निरीक्षण करने पर प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ।
वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और फॉरेंसिक अधिकारी शांतनु राठौर तथा डीएसपी दीपक मिश्रा मौके पर पहुंचे। पंचनामा के दौरान बालक के शरीर पर ऐसे निशान पाए गए जो इस ओर संकेत कर रहे थे कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है।
पोस्टमार्टम में उजागर हुई सच्चाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी एस.आर. भगत ने जिला स्तरीय डॉक्टरों की टीम गठित कर पोस्टमार्टम करवाया। पुलिस अधिकारियों की विशेष टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए और ग्रामीणों से डोर-टू-डोर पूछताछ की। इसी दौरान मृतक के रिश्ते के बुआ के बेटे अर्जुन (25 वर्ष), निवासी ग्राम अमझर, थाना पसान, जिला कोरबा पर संदेह गहराया।
जांच में पता चला कि अर्जुन का नाम पहले भी एक नाबालिग की हत्या के मामले में सामने आया था, जिसकी पुष्टि पसान थाना से कराई जा रही है। उसके मोबाइल की जांच में अप्राकृतिक कृत्य से संबंधित कई वीडियो भी मिले, जिसके बाद उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपित अर्जुन उसी गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर रह रहा था और अक्सर अपने मामा (मृत बालक के पिता) के घर शराब (Marwahi Crime New) पीने आता-जाता था। उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी थी, लेकिन उसकी हरकतों से परेशान होकर पत्नी उसे छोड़कर चली गई। 1 नवंबर की रात वह शराब पीकर मामा के घर पहुंचा, मामा-मामी के साथ शराब पी और भोजन किया। जब मामा-मामी अंदर सोने चले गए, वह बाहर आग तापने लगा। वापसी के दौरान उसे बाड़ी के पास मामा का बड़ा बेटा मिला।
गाली-गलौज के बाद उसने गुस्से में बच्चे के गुप्तांग पर प्रहार किया और मारपीट की, जिससे बच्चा अचेत हो गया। इसके बाद उसने अचेत बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया। अपराध छिपाने के लिए उसने बालक को निर्माणाधीन भवन की म्यार में साड़ी के कपड़े से बांधकर फांसी पर लटका दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
फॉरेंसिक जांच और गिरफ्तारी
आरोपित के बयान के बाद पुलिस ने सीन ऑफ क्राइम का पुनः निर्माण किया। फॉरेंसिक अधिकारी की निगरानी में सभी साक्ष्य एकत्रित किए गए। अर्जुन को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह मामला नशे, विकृत मानसिकता और आपराधिक प्रवृत्ति का भयावह उदाहरण है, जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सबूतों के आधार पर मामला सुलझाया।
