सीजी भास्कर, 9 नवंबर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हाथी का हमला (Elephant Attack in Korba) का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है। करतला वनमंडल (Kartala Range) के अंतर्गत ग्राम पंचायत बोतली में देर रात एक किसान की हाथी के हमले में मौत हो गई। मृतक खेत की रखवाली करने जा रहा था, तभी अचानक आमाबाड़ी के पास एक दंतैल हाथी (Tusker Elephant) ने उस पर हमला कर दिया। हाथी ने किसान को पटक-पटककर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है और ग्रामीणों में वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।
खेत की रखवाली के लिए निकला था किसान
ग्राम पंचायत बोतली के गांव घिनारा निवासी 36 वर्षीय शिवनारायण कंवर, पिता बंकट सिंह कंवर, शनिवार देर रात करीब एक बजे अपने खेत की फसल देखने जा रहे थे। उसी दौरान रास्ते में आमाबाड़ी के समीप झाड़ियों के बीच से एक हाथी निकल आया। हाथी को अचानक सामने देखकर किसान ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। हाथी ने उसे अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया और पैरों से कुचल दिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य और गांववाले घटनास्थल पर पहुंचे और वन विभाग को सूचित किया।
वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई
सूचना मिलते ही करतला रेंज (Korba Forest Division) के अधिकारी और कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शव का पंचनामा (Inquest Report) तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिजनों को तत्काल सहायता के रूप में ₹25,000 प्रदान किए गए हैं। विभागीय नियमों के अनुसार हाथी के हमले (Human-Elephant Conflict) में मृत्यु होने पर कुल ₹6 लाख का मुआवजा दिया जाता है। औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष ₹5.75 लाख की राशि भी परिजनों को जल्द दी जाएगी।
करतला रेंज में 39 हाथियों का दल कर रहा विचरण
वन विभाग ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से करतला क्षेत्र में 39 हाथियों का दल (Elephant Herd) लगातार घूम रहा है। यह दल पीड़िया और बोतली क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा था। एक दिन पहले ही यह दल बोतली जंगल की ओर बढ़ा था। इसी दौरान झुंड से अलग हुआ एक हाथी गांव के पास पहुंच गया और यह हादसा हो गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हाथियों के आने-जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग अब रात में खेतों की ओर जाने से डर रहे हैं।
(Elephant Attack) एक माह में दूसरी मौत
करतला रेंज में पिछले एक महीने के भीतर हाथी के हमले से यह दूसरी मौत (Second Elephant Attack Death) है। इससे पहले रामपुर सर्किल में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की भी हाथी के हमले में मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी दल की निगरानी (Elephant Movement Tracking) और सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। उन्होंने वन विभाग से मांग की है कि गांव के आसपास गश्त बढ़ाई जाए और रात्रिकालीन चेतावनी प्रणाली (Night Alert System) लागू की जाए।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे रात्रि के समय अकेले जंगल या खेतों की ओर न जाएं। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी हाथी की गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें। साथ ही हाथियों को भगाने के लिए हुल्लड़ टीम (Elephant Drive Squad) को सक्रिय कर दिया गया है।
