सीजी भास्कर, 10 नवंबर | बलरामपुर, छत्तीसगढ़। पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में हंगामा मच गया। (Police Custody Death) का मामला सामने आने के बाद मृतक के परिजनों ने शव लेने से साफ इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि पुलिस ने बेरहमी से पिटाई कर युवक को मार डाला। मामला बतौली थाना क्षेत्र का है, जहां अब तनाव का माहौल बना हुआ है।
आरोप: पुलिस की पिटाई से गई युवक की जान
परिजनों ने आरोप लगाया है कि चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए उमेश सिंह (19) की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। उनका कहना है कि उमेश को छह नवंबर को सादी वर्दी में आए जवानों ने उठाया था और रास्ते में बुरी तरह पीटा गया था। जब वह पुलिस हिरासत (Police Custody) में पहुंचा, तब उसकी हालत बेहद खराब थी।
परिजनों का कहना है कि पुलिस ने पूरे मामले को बीमारी से जोड़कर छिपाने की कोशिश की है। “हमारे बेटे को पहले से कोई बीमारी नहीं थी, उसे मारा गया है,” मृतक की मां ने कहा।
पुलिस का दावा—पहले से बीमार था आरोपी
दूसरी ओर, पुलिस ने परिवार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एएसपी विश्वदीपक त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी उमेश सिंह पहले से बीमार था और 9 नवंबर की सुबह करीब 4:20 बजे अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। “उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया,” पुलिस का कहना है।
हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) आने तक असली वजह पर संशय बना हुआ है।
परिजनों ने शव लेने से किया इनकार, बलरामपुर में तनाव
पोस्टमॉर्टम के बाद जैसे ही पुलिस ने शव सौंपने की कोशिश की, परिजनों ने उसे लेने से साफ मना कर दिया। रातभर शव बलरामपुर जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा रहा। रविवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण और रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे और न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की।
तनाव को देखते हुए पुलिस ने अस्पताल और थाने के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया है।
विधायक टोप्पो ने की सख्त कार्रवाई की मांग
सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि वे मृतक के परिवार के संपर्क में हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच (Magisterial Inquiry) कराई जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर किसी भी पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आई, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही पोस्टमॉर्टम करवाया गया है ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे।
चोरी के मामले से जुड़ा था युवक, 8 आरोपी जेल भेजे गए
बताया गया है कि यह मामला धनंजय ज्वेलर्स चोरी प्रकरण (Jewellery Theft Case) से जुड़ा है। 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात करीब 50 लाख रुपए के जेवर और नकदी चोरी हुई थी। पुलिस ने इस चोरी में शामिल 9 आरोपियों को पकड़ा था, जिनमें से 8 को कोर्ट ने जेल भेज दिया है।
उमेश सिंह इन्हीं आरोपियों में से एक था, जिसकी Police Custody Death ने अब पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है।
जांच पर सबकी नजर, परिजनों को इंसाफ की उम्मीद
फिलहाल, प्रशासन ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय टीम गठित की है। मृतक के परिजनों ने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, वहीं आम जनता इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है।
