सीजी भास्कर, 10 नवंबर। सीपत क्षेत्र के बिटकुला स्थित 21 एकड़ जमीन के रिकॉर्ड दुरुस्ती और फौती दर्ज कराने के नाम पर नायब तहसीलदार ने किसान से डेढ़ लाख रुपये की मांग की। अपनी ही जमीन पर नाम दर्ज कराने के लिए परेशान किसान ने रुपये देने के बजाय एसीबी से शिकायत कर दी। इस पर कार्रवाई करते हुए (Nayab Tehsildar Arrest) एसीबी की टीम ने आरोपित नायब तहसीलदार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
एसीबी के डीएसपी अजीतेश सिंह ने बताया कि सीपत क्षेत्र के बिटकुला निवासी किसान ने नायब तहसीलदार द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। किसान ने बताया कि उनकी मां के नाम पर गांव में 21 एकड़ जमीन है। मां के निधन के बाद उन्होंने जमीन अपने और भाई-बहनों के नाम कराने के लिए आवेदन किया। इसके बाद वे सीपत तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार देशकुमार कुर्रे से मिले। बताया गया कि नायब तहसीलदार (Corruption Case Chhattisgarh) उनके मामले को लगातार टालते रहे। कई बार मिलने के बाद उन्होंने किसान से डेढ़ लाख रुपये की मांग की, जिससे किसान हैरान रह गया।
किसान ने पूरे मामले की शिकायत एसीबी कार्यालय में की। इस बीच नायब तहसीलदार एक लाख 20 हजार में काम करने के लिए तैयार हो गया। एसीबी ने शिकायत की पुष्टि के लिए जांच की और मामला सही पाए जाने पर ट्रैप की योजना बनाई। किसान पहली किश्त में 50 हजार रुपये लेकर नायब तहसीलदार को देने पहुंचा। नायब तहसीलदार ने उसे कार्यालय के बजाय एनटीपीसी के कॉफी हाउस बुलाया।
जैसे ही किसान ने नायब तहसीलदार को रुपये दिए, (ACB Action Bilaspur) एसीबी की टीम ने मौके पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गवाहों की मौजूदगी में कार्रवाई के बाद आरोपी नायब तहसीलदार को न्यायालय में पेश किया गया है। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच जारी है और आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(Nayab Tehsildar Arrest) शिकायत से खुला भ्रष्टाचार का जाल
एसीबी सूत्रों के अनुसार, किसान द्वारा की गई शिकायत पर विभाग ने बेहद गोपनीय तरीके से कार्रवाई की। ट्रैप की पूरी प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ की गई। अधिकारी ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई से राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। गिरफ्तारी के बाद आरोपी देशकुमार कुर्रे को बिलासपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। बताया गया कि एसीबी उसकी संपत्ति और बैंक खातों की भी जांच करेगी ताकि अवैध संपत्ति का पता लगाया जा सके।
