सीजी भास्कर, 12 नवंबर। भारत में इस बार सर्दी के तेवर तीखे रहने के संकेत मिल रहे हैं। दिसंबर से जनवरी के बीच देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है। इसका प्रमुख कारण ला-नीना जलवायु घटना (La Niña Effect in India ) को माना जा रहा है, जो प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में गिरावट से बनती है। इसके प्रभाव से ठंडी हवाएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं और उत्तर भारत में शीतलहर का असर लंबा खिंचता है।
भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) का अनुमान है कि दिसंबर में रात का तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस होगा।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं और कोहरा बढ़ेगा। आइएमडी (IMD winter forecast 2025) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दो महीनों में घना कोहरा, शीतलहर और न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ला-नीना की स्थिति नवंबर से जनवरी तक बनी रह सकती है। स्काईमेट वेदर सर्विस के अनुसार यह ला-नीना कमजोर जरूर रहेगा, लेकिन ठंड की तीव्रता पर इसका असर स्पष्ट होगा। ला-नीना (Winter 2025 weather pattern) के दौरान उत्तर और मध्य भारत में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से बर्फबारी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे न केवल रातें ठंडी होती हैं बल्कि सुबह में कोहरा और नमी भी बढ़ जाती है।
La Niña Effect in India छग के कुछ हिस्सों में शीतलहर
राजस्थान और मध्य प्रदेश में सर्दी ने पहले ही दस्तक दे दी है। सीकर और झुंझुनू में सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जबकि भोपाल, इंदौर और राजगढ़ में तापमान सात डिग्री तक पहुंच गया है।
बिहार, पंजाब और हरियाणा में भी पारा लगातार नीचे जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार से अगले तीन-चार दिनों तक मध्य प्रदेश, दक्षिण हरियाणा, उत्तर-पूर्वी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है।
सात से 10 डिग्री के बीच पहुंच जाएगा
आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन से चार दिनों में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में कई स्थानों पर, जबकि पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर न्यूनतम तापमान सात से दस डिग्री के बीच रह सकता है। ला-नीना (cold wave alert India) का प्रभाव केवल तापमान तक सीमित नहीं है। यह बारिश और हवाओं के पैटर्न को भी प्रभावित करता है।
फरवरी तक बना रहेगा इसका असर
आम तौर पर मानसून के दौरान ला-नीना अधिक वर्षा लाता है, लेकिन सर्दियों में यह ठंडी हवाओं को और तीव्र कर देता है। कोहरे और शीतलहर के कारण परिवहन और स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ने की आशंका है। दृश्यता में कमी से सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार सर्दी जल्दी शुरू हुई है और इसका असर फरवरी तक बना रह सकता है।
La Niña Effect in India दिल्ली में शीतलहर की तैयारी
दिल्ली नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने कोल्ड शेल्टर और मेडिकल यूनिट्स को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। उत्तर भारत में कोहरे की वजह से दिसंबर से कई ट्रेनों के टाइमटेबल में बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
