सीजी भास्कर, 14 नवंबर | National Security Summit : छत्तीसगढ़ इस बार एक ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी कर रहा है। 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर स्थित आईआईएम परिसर में देश का प्रतिष्ठित DGP–IGP सम्मेलन आयोजित होगा। यह वही मंच है, जहां देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सबसे अहम फैसले लिए जाते हैं। इस बार का आयोजन इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह राज्य पहली बार इसे होस्ट कर रहा है (“National Security Summit”).
गृहमंत्री करेंगे उद्घाटन, प्रधानमंत्री समापन सत्र में मौजूद रहेंगे
इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे अधिकारियों से संवाद करेंगे। राज्य के गृह मंत्री ने बताया कि यह आयोजन न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय भूमिका को भी मजबूत करता है। यह पहला अवसर है जब इतने बड़े स्तर पर सुरक्षा तंत्र के शीर्ष अधिकारी एक ही छत के नीचे जुट रहे हैं।
मंथन का केंद्र—नक्सल चुनौती, साइबर खतरे और आंतरिक सुरक्षा का नया ढांचा
सम्मेलन का मुख्य फोकस इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्र, खासकर बस्तर पर रहेगा। बीते महीनों में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने संयुक्त अभियान के जरिए कई महत्वपूर्ण सफलताएँ हासिल की हैं। इसी अनुभव के आधार पर “एकीकृत ऑपरेशन मॉडल” (“Integrated Operation Model”) को राष्ट्रीय ढांचे में शामिल करने पर चर्चा होगी।
साथ ही, साइबर सुरक्षा, ड्रग्स नेटवर्क, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और सीमा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। अधिकारी बता रहे हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में सुरक्षा-तंत्र को अपडेट करना अनिवार्य हो गया है।
बस्तर में हाल के ऑपरेशन सम्मेलन की रणनीति का आधार
राज्य और केंद्रीय बलों द्वारा हाल ही में चलाए गए अभियानों में “ग्राउंड इंटेलिजेंस” और “टेक-इनेबल्ड ऑपरेशन” (“Tech-enabled Policing”) की भूमिका अहम रही। सूत्र बताते हैं कि इसी मॉडल को आगे और बेहतर रूप में लागू करने पर विचार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बस्तर में लगातार मिल रही सफलता ने देशभर के सुरक्षा ढांचे को नई दिशा दी है।
पिछले साल भुवनेश्वर में हुआ था आयोजन, इस बार बढ़ा दायरा
2024 का सम्मेलन भुवनेश्वर में आयोजित हुआ था, लेकिन इस बार आयोजन का दायरा और भी बड़ा है। छत्तीसगढ़ पहली बार इस मंच की मेजबानी कर रहा है, और यह राज्य प्रशासन के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। माहौल को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कई स्तरों पर मजबूत किया गया है, जिससे आयोजन के दौरान किसी प्रकार की बाधा न आए।
एक महीने में प्रधानमंत्री का दूसरा दौरा—नवा रायपुर बनेगा देश का सुरक्षा केंद्र
दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री का यह नवंबर महीने में छत्तीसगढ़ का दूसरा दौरा होगा। इससे पहले 1 नवंबर को वे स्थापना दिवस कार्यक्रम में रायपुर आए थे। इस बार उनका पूरा कार्यक्रम सुरक्षा-संबंधी रणनीतियों के आकलन पर केंद्रित रहेगा।
सम्मेलन के दौरान नवा रायपुर में स्थित M-01 बंगला तीन दिनों के लिए अस्थायी मिनी PMO के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह वही आवास है जो विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के पास आवंटित है।
500 से अधिक अधिकारी होंगे शामिल, सुरक्षा में तैनात रहेंगे कमांडो
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, NSA अजित डोभाल, देशभर के 70 डीजी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और कुल लगभग 500 वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
VVVIP मूवमेंट को देखते हुए स्पेशल रूट प्लान, NSG कमांडो और लगभग 400 वाहनों का बड़ा बेड़ा तैयार किया गया है।
