सीजी भास्कर 16 नवंबर 300 फीट में फैला मलबा, रेस्क्यू टीमों के सामने मुश्किलें (Sonbhadra Mining Collapse)
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पत्थर खदान धंसने से बड़ा हादसा हो गया। देर शाम हुए इस Sonbhadra Mining Collapse ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, दो मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई मजदूर अब भी मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है। खदान की लगभग 300 फीट गहराई बचाव कार्य को और कठिन बना रही है।
हेवी ब्लास्टिंग के बाद टूटा पहाड़, मजदूरों को संभलने का मौका नहीं
स्थानीय कर्मियों के अनुसार, हादसा तब हुआ जब खदान में हेवी ब्लास्टिंग (Heavy Blasting Incident) की गई थी। विस्फोट के तुरंत बाद पहाड़ का बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर नीचे आ गया। मजदूरों को संभलने तक का समय नहीं मिल पाया। धूल और पत्थरों के बादल के बीच चीख-पुकार की आवाजें देर तक सुनाई देती रहीं।
NDRF–SDRF का संयुक्त ऑपरेशन, रोशनी की कमी से बढ़ी चुनौती
घटना की सूचना मिलते ही कई एजेंसियाँ मौके पर पहुँच गईं। NDRF, SDRF और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने Deep Rescue Operation शुरू किया। लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी दिक्कत आई और बचाव दलों को अतिरिक्त लाइटिंग, जनरेटर और सुरक्षा उपकरणों की जरूरत पड़ी। खदान की तंग गलियाँ और अस्थिर चट्टानें टीमों की कामगिरी को धीमा कर रही हैं।
वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद, उपकरणों की कमी न रहे इसका निर्देश
हादसे की गंभीरता देखते हुए शीर्ष अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बचाव दलों को लगातार मशीनें, कटिंग टूल्स और मेडिकल सपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि “जब तक अंतिम व्यक्ति बाहर नहीं आ जाता, रेस्क्यू नहीं रुकेगा।”
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, किसी के हाथों में मजदूरों की पहचान-पर्ची, किसी के पास तस्वीरें
हादसे की खबर मिलते ही मजदूरों के परिजन घटनास्थल पर उमड़ पड़े। कई लोग हाथों में पहचान-पर्ची लिए अपने परिजन का नाम पुकारते रहे। वहीं महिलाओं और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। कुछ परिजन लगातार बचाव दलों से विनती कर रहे थे कि उनके परिवार के सदस्यों को जल्द से जल्द निकालें।
मेडिकल टीमें अलर्ट, एंबुलेंस लाइन में खड़ी, मौके पर तनाव भरा माहौल
जिलास्तर पर सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। रेस्क्यू साइट पर एंबुलेंस की लंबी कतार देखी जा सकती है। मेडिकल टीमें स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सपोर्ट और बेसिक लाइफ-सेविंग किट के साथ मौजूद हैं। बचाव दल जैसे-जैसे मलबा हटाते जा रहे हैं, हर मिनट उम्मीद और डर दोनों साथ-साथ बढ़ रहे हैं।
