सीजी भास्कर, 25 अगस्त। पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त सोमवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। हर साल की तरह इस साल भी रायपुर के जैतूसाव मठ में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मालपुआ बनाने का काम शनिवार से शुरू किया गया है। सोमवार तक मालपुआ बनाने का काम चलेगा। राजभोग आरती के बाद मंगलवार को प्रसाद के रूप में मालपुआ का वितरण भक्तों में किया जाएगा।
आपको बता दें कि जैतूसाव मठ में 11 क्विंटल का मालपुआ बनाया जा रहा है। मालपुआ प्रसाद के रूप में भक्तों और श्रद्धालुओं को 27 अगस्त को राजभोग आरती के बाद वितरित होगा. पिछले कई सालों से रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जैतूसाव मठ में मालपुआ बनाया जा रहा है।
इस बारे में जैतुसाव मठ के सचिव महेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 11 क्विंटल का मालपुआ बनाया जा रहा है. 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म और आरती होगी. इसके बाद 27 अगस्त को दोपहर 1 बजे राजभोग आरती होगा, जिसमें मालपुआ का भोग लगाया जाएगा। राजभोग आरती के बाद भक्तों और श्रद्धालुओं को भोजन कराने के बाद प्रसाद के रूप में मालपुआ का वितरण किया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात को 8 बजे से 12 बजे तक लल्लू महाराज के भजन संध्या का कार्यक्रम रखा गया है।
कृष्ण जन्माष्टमी को देखते हुए इस बार 11 क्विंटल मालपुआ बनाया जा रहा है। इस मालपुआ को 8 कारीगर तैयार कर रहे हैं। रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ के पहले महंत लक्ष्मी नारायण दास के समय सन 1916 से हर साल रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मालपुआ बनाने की शुरुआत की गई थी, जो आज तक चल रही है। यहां मालपुआ बनाने के लिए गेहूं की अलग तरह से पिसाई कराई जाती जाती है। गेहूं के आटे में सूखा मेवा, काली मिर्च, मोटा सौफ भी मिलाया जाता है। इसके साथ ही इस मालपुआ को बनाने में तेल और घी का उपयोग भी किया जाता है।