सीजी भास्कर, 22 नवंबर। छत्तीसगढ़ में अचल संपत्तियों की सरकारी गाइडलाइन दरों (Guideline Rate Hike) में भारी बढ़ोतरी के बाद रियल एस्टेट बाजार में हड़कंप मच गया है। जमीन और मकानों की रजिस्ट्री में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। राजधानी और प्रदेश के कई इलाकों में गाइडलाइन दर (Property Registry Rates) 20 प्रतिशत से लेकर 10 गुना तक बढ़ा दी गई हैं।
(Guideline Rate Hike) आम आदमी पर सीधा असर
इस बढ़ोतरी का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। सरकार का राजस्व बढ़ेगा, लेकिन यह पैसा सीधे जनता से आएगा। उदाहरण के तौर पर, किसी क्षेत्र में सरकारी गाइडलाइन दर 1000 रुपए प्रति वर्गफीट होने पर 1000 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री में पहले 1.05 लाख रुपए का टैक्स लगता था। अब गाइडलाइन दर (Stamp Duty Increase) पाँच गुना बढ़ने से यही टैक्स 5.25 लाख रुपए हो गया है।
प्रदेश के कई क्षेत्रों में सरकार ने गाइडलाइन दरों (Land Price Update) में रिकॉर्ड स्तर तक वृद्धि कर दी है। सरकार का तर्क है कि बाजार मूल्य और सरकारी गाइडलाइन के बीच असमानताओं को खत्म करने के लिए यह कदम आवश्यक था। दूसरी ओर रियल एस्टेट सेक्टर महंगाई को लेकर चिंतित है।
क्षेत्रफल के हिसाब से नई रजिस्ट्री लागत
क्षेत्रफल पहले रजिस्ट्री अब रजिस्ट्री
1000 वर्गफीट 52,500 5,25,000
1200 वर्गफीट 63,000 6,30,000
1500 वर्गफीट 78,500 7,85,000
2000 वर्गफीट 1.05 लाख 10,50,000
2500 वर्गफीट 1.21 लाख 12,10,000
(Guideline Rate Hike) नई गाइडलाइन दरों का असर
जमीन, मकान, फ्लैट की खरीद पर टैक्स बढ़ा।
सरकारी गाइडलाइन बढ़ने से बैंकों से ज्यादा फाइनेंस मिल सकेगा।
रियल एस्टेट डवलपर्स पर कैपिटल गेन का बोझ बढ़ेगा।
भारतमाला 6-लेन सड़क प्रोजेक्ट के पास क्षेत्रों में दरें बढ़ीं।
रायगढ़ के कई इलाकों में 10 गुना तक सरकारी गाइडलाइन रेट में वृद्धि।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हेक्टेयर दर लागू
सरकार ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण और मुआवजा मामलों में गड़बड़ी रोकने के लिए 15 हजार वर्गफीट के बाद की रजिस्ट्री हेक्टेयर दर में की जाएगी। रियल एस्टेट विशेषज्ञ अमित जैन के अनुसार, इस परिवर्तन से बड़े भू-भाग की रजिस्ट्री काफी महंगी हो गई है।
अभनपुर के बेंद्री में 7 गुना महंगी जमीन
नवा रायपुर क्षेत्र के अभनपुर के बेंद्री गांव में जमीन की सरकारी गाइडलाइन दर (Land Price Update) सात गुना बढ़ गई है। पहले 1 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पर 16 लाख का शुल्क लगता था, अब वहीं जमीन खरीदने पर 1 करोड़ 25 लाख रुपए टैक्स देना होगा।
पंजीयन शुल्क अभी भी 4 प्रतिशत
कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में गाइडलाइन दरों पर 30% छूट दी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने यह छूट डेढ़ साल पहले समाप्त कर दी। पंजीयन शुल्क, जो 1% से बढ़कर 4% किया गया था, अभी भी 4% ही है।
ऐसे समझें , नई कीमत गणना
30 हजार वर्गफीट जमीन की कीमत पहले 75 लाख रुपए तय होती थी। अब वही जमीन नई हेक्टेयर दर के अनुसार 1.87 करोड़ रुपए में बिकेगी।
सरकार का पक्ष
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बाजार मूल्य और सरकारी दरों में असमानता दूर करने के लिए यह निर्णय जरूरी था। कई वर्षों से सरकारी गाइडलाइन दरें बाजार की तुलना में काफी कम थीं, इसलिए इन्हें व्यावहारिक रूप से संशोधित किया गया है।
