सीजी भास्कर, 27 अगस्त। बलौदा बाजार हिंसा मामले में निलंबित lPS सदानंद कुमार को सरकार ने आरोप पत्र दिया है। उन पर अखिल भारतीय सेवा नियम के उल्लंघन का गंभीर आरोप है। आरोप पत्र में उन पर कर्तव्यनिष्ठ न रहने और अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम का उल्लघंन करने का जिम्मेदार ठहराया है।
आरोप पत्र में कहा गया है कि बलौदाबाजार में एसपी के पद पर पदस्थ रहने के दौरान 15-16 मई की दरमियानी रात गिरौदपुरी के अमरगुफा में सतनामी समाज के प्रतीक 3 जैतखाम को काटकर फेंक दिया गया था। इसके साथ ही मंदिर के गेट को भी तोड़कर फेंक दिया गया था। मामले में बगैर उचित ऑब्जर्वेशन और प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में न रखते हुए, सभी बिंदुओं पर गहन विवेचना के बिना ही 5 जून को कोर्ट में अभियोग पत्र पेश किया गया। यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 3(2B)(Xiii) का उल्लघंन है।
इस मामले में निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार ने कर्तव्यनिष्ठ न रहने और सर्वोत्तम विवेक से कार्य न करने के कारण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 3(2B)(Xiii) का उल्लघंन किया है।
इस मामले में पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट सतनामी समाज के लोगों ने 10 जून को हिंसक प्रदर्शन किया था। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर खड़ी सैकड़ों गाड़ी में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया था। जिसकी वजह से कार्यालय में रखे तमाम सरकारी दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे।
घटना के बाद सरकार ने तत्कालीन एसपी आईपीएस सदानंद कुमार और कलेक्टर केएल चौहान को तुरंत प्रभाव से हटाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था।