सीजी भास्कर, 25 नवंबर। प्रदेश के 13 हजार से अधिक माध्यमिक और हाई स्कूलों में अब स्मार्ट क्लास (Smart Classroom India) और कम्प्यूटर लैब की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी (Digital Education Chhattisgarh)। शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को आने वाले शैक्षणिक सत्र से ही लागू करने की तैयारी तेज कर दी है। इसके बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए डिजिटल माध्यम, ऑडियो–वीडियो कंटेंट और ऑनलाइन शिक्षण का लाभ पहले से कहीं अधिक सुगमता से मिलेगा ।
प्रदेश में फिलहाल 1,388 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब और 5,857 स्कूलों में स्मार्ट क्लास संचालित हैं। स्कूलों की संख्या को देखते हुए यह सुविधा अभी सीमित दायरे में थी। अब शिक्षा विभाग ने स्मार्ट क्लास और ICT लैब के दायरे को बढ़ाकर हर जिले, हर विकासखंड और हर ब्लॉक के स्कूलों तक पहुंचाने की योजना बनाई है (ICT Lab Expansion)। संबंधित जिलों के अधिकारियों को स्कूलों की भौगोलिक स्थिति और छात्र संख्या के आधार पर प्राथमिकता तय करने के निर्देश भेज दिए गए हैं।
(Smart Classroom India) दो मॉडल पर काम
केंद्र प्रायोजित ICT (इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) योजना के तहत दो मॉडल पर काम चल रहा है। पहला मॉडल ICT लैब का है, जिसमें कम्प्यूटर सिस्टम स्थापित किए जाते हैं। यह लैब शिक्षक और विद्यार्थियों दोनों के उपयोग के लिए होती है।
इसका उद्देश्य छात्रों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई, ऑनलाइन अध्ययन, डिजिटल सामग्री, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और अन्य शिक्षण गतिविधियों से जोड़ना है। AI आधारित लर्निंग, भाषा सुधारक टूल, वीडियो लेक्चर और वर्चुअल कॉन्सेप्ट क्लास जैसे साधनों का भी उपयोग किया जाएगा।
योजना का दूसरा हिस्सा स्मार्ट क्लासरूम है। इसमें बड़ी स्क्रीन, प्रोजेक्टर, ऑडियो सिस्टम और डिजिटल मॉड्यूल के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। एक-एक स्कूल में बच्चों की संख्या के आधार पर एक से चार तक स्मार्ट क्लास रूम तैयार किए जाएंगे। विभाग का मानना है कि इससे पढ़ाई अधिक रोचक होगी और कठिन विषय भी छात्रों को सरलता से समझाए जा सकेंगे।
ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बीच कम होगा अंतर
प्रदेश में कुल 56,895 स्कूल हैं। स्मार्ट क्लास प्रणाली से ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बीच शिक्षा के स्तर का अंतर काफी कम होगा। दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को भी वही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी जो बड़े शहरों में उपलब्ध है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण का चरणबद्ध कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिससे वे डिजिटल संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकें। इसके लिए हर जिले में मॉनिटरिंग सेल भी बनाई जाएगी ताकि योजना का क्रियान्वयन समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो सके।
