सीजी भास्कर, 25 नवंबर। राज्य पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जीरो कट बाल और क्लीन शेव (Police Rules) अनिवार्य होने को लेकर चल रही चर्चाओं पर पुलिस मुख्यालय ने स्थिति साफ कर दी है (Police Grooming Rules)। पीएचक्यू ने आरटीआई के माध्यम से बताया कि इस विषय में न तो कोई प्रशासनिक आदेश जारी हुआ है और न ही किसी अधिकृत रिकॉर्ड में इस तरह का उल्लेख है (Chhattisgarh Police RTI Reply)। इसका अर्थ है कि पुलिसकर्मियों के लिए लंबे बाल या दाढ़ी रखना किसी भी प्रकार से अनुशासनहीनता नहीं माना जाएगा।
यह जानकारी संयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ के अध्यक्ष उज्जवल दीवान द्वारा लगाए गए आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली है। दीवान ने 13 अक्टूबर को आवेदन लगाया था, जिस पर 12 नवंबर को एआईजी अंशुमान सिसोदिया ने जवाब दिया।
दीवान ने कहा कि 1861 के पुलिस एक्ट (Police Rules) के समय से ही अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का असर आज तक दिखाई देता है। कई पुराने और अप्रचलित नियम व्यवहार में लाए जाते हैं, जिनकी वजह से पुलिस जवानों को अनावश्यक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई पुलिसकर्मियों को केवल जीरो कट बाल न कराने या दाढ़ी बढ़ाने को अनुशासनहीनता बताकर दंडित किया गया, जबकि ऐसा कोई नियम मौजूद ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर आज भी हर मंगलवार और शुक्रवार को जीरो कट अनिवार्य बताया जाता है, जिससे जवानों को बिना कारण अपमानित होना पड़ता है। उज्जवल दीवान का कहना है कि अब समय आ गया है कि अंग्रेजों के जमाने की गुलामी जैसे नियम पूरी तरह समाप्त हों। पुलिसकर्मी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे हैं और विभाग में समानता व सम्मान आधारित व्यवस्था की दिशा में बड़ा बदलाव अवश्य आएगा।
