सीजी भास्कर, 27 नवंबर | Raipur AIIMS Clerk Loot Case: रायपुर के आजाद चौक इलाके में सोमवार शाम एक ऐसी वारदात सामने आई, जिसने रोज शाम को घर लौटने वाले लोगों को थोड़ा संभलकर चलने की सलाह दे दी है। एम्स रायपुर में क्लर्क के तौर पर काम करने वाले नरेंद्र ठाकुर ड्यूटी खत्म करके जैसे ही जीई रोड के पास राजकुमार कॉलेज के सामने रुके—उसी वक्त एक युवक आया और बोला कि “भैया, घर तक छोड़ दो”… इस सरल-सी बात ने आगे चलकर पूरी घटना का रास्ता तय कर दिया।
पुरानी शराब भट्ठी तिराहा में बदला पूरा खेल
लूट की शुरुआत
नरेंद्र ने, जैसे कई लोग कर देते हैं, उसे बाइक पर बैठा लिया। कुछ किलोमीटर बाद, पुरानी शराब भट्ठी आश्रम तिराहा आते ही युवक अचानक उतरा और मौका देखते ही बाइक की चाबी झपट ली। इसके बाद उसने पैसे मांगने शुरू कर दिए। मना करने पर गाली-गलौज और चाकू दिखाकर धमकी… और पलक झपकते ही नरेंद्र की जेब से 2200 रुपए खींचकर भाग गया।
इस पूरे घटनाक्रम में जो बात साफ समझ आती है, वो ये कि आरोपी पहले से प्लान बनाकर चल रहा था—सब कुछ मिनटों में, बिना किसी हड़बड़ाहट के किया गया।
Raipur AIIMS Clerk Loot Case: पुलिस ने CCTV के सहारे पहचाना आरोपी
जांच कैसे आगे बढ़ी (CCTV Crime Detection)
वारदात के तुरंत बाद पीड़ित ने पुलिस को कॉल किया। टीम मौके पर पहुंची और आसपास के CCTV कैमरे खंगाले गए। कई फुटेज जोड़ने के बाद आखिर पहचान बनी—रतन उर्फ़ राज महानंद। यह नाम पुलिस फाइलों में पहले भी दर्ज हो चुका है, क्योंकि आरोपी आर्म्स एक्ट के केस में जेल जा चुका है।
आरोपी की गिरफ्तारी और रिकवरी
पुलिस की कार्रवाई
आरोपी को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया गया और उसके पास से लूटे गए पैसे भी बरामद किए गए। इस तरह का अपराध करने वाले आरोपी अक्सर देर तक पुलिस से बच जाते हैं, लेकिन इस केस में CCTV फुटेज ने कहानी तुरंत साफ कर दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, और मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
आम लोगों के लिए सीख
सड़क पर उठाया गया एक छोटा फैसला, बड़ी घटना में कैसे बदल सकता है
यह पूरी घटना एक बात समझाती है—रात में रास्ते में अनजान लोगों को लिफ्ट देना कई बार खुद की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। पीड़ित की तरह कई लोग मदद करने की नीयत से रुक जाते हैं, लेकिन अपराधी इसी भरोसे का गलत फायदा उठा लेते हैं।
