सीजी भास्कर, 28 नवंबर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( PM Fasal Bima Fraud ) के किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। सरकारी संरक्षण में एक कृषि विस्तार अधिकारी ने अपने दो निजी साथियों के साथ मिलकर 22 लाख 53 हजार रुपये की सरकारी सहायता राशि फर्जी हस्ताक्षरों और गुमराह करने के तरीके से हड़प ली। किसानों की लिखित शिकायत के आधार पर विभागीय जांच की गई, जिसमें पूरा मामला सही पाया गया।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद बास्तानार ब्लॉक के कृषि विस्तार अधिकारी समेत दो लोगों पर FIR दर्ज की गई है। मुख्य आरोपी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी मुन्ना लाल बघेल है, जिसने अपने साथी गिरीश चंद सेठिया और अनिल सेठिया के साथ मिलकर यह पूरा जाल बिछाया ( Agriculture Officer Scam )। आरोपियों ने किसानों और कृषि लीज पर जमीन लेने वाले किरायेदारों से धोखा कर उनके नाम पर पास हुए क्लेम की जानकारी छुपाई।
किसानों के नकली हस्ताक्षर कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इन दस्तावेजों को सीएससी सेंटर के माध्यम से निजी इंश्योरेंस कंपनी को भेजकर क्लेम पास कराया गया ( Bastar Insurance Fraud )। नवंबर महीने में जब 22 लाख 53 हजार से अधिक राशि किसानों के खातों में आई, तो आरोपियों ने उन्हें गुमराह किया और डराकर यह पूरी रकम कैश तथा ऑनलाइन माध्यम से अपने खातों में ट्रांसफर करा ली।
फिलहाल जांच जारी है, लेकिन थाने में दर्ज हुई FIR ने बस्तर जिले में कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं ( Crop Insurance Scam )। किसानों का कहना है कि यदि समय पर शिकायत न दर्ज की जाती, तो शायद यह बड़ा घोटाला कभी सामने नहीं आता।
