सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासत गरमा रही है। केंद्र की मोदी सरकार पर विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot News) ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट के लिए हो रही एसआईआर के दौरान मतदाताओं में भय और संदेह पैदा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फील्ड स्टाफ पर अनुचित दबाव और जल्दबाजी में की गई समयसीमा इस बात का संकेत है कि इस प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ है।
Sachin Pilot News सचिन पायलट ने साधा निशाना
जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान पायलट ने कहा कि हालांकि एसआईआर पहले भी कई बार आयोजित की जा चुकी है, लेकिन इससे इस साल जैसी सार्वजनिक चिंता कभी नहीं पैदा हुई। सचिन पायलट ने आगे कहा “इस देश में पहले भी कई बार एसआईआर आयोजित की जा चुकी है, लेकिन लोगों के मन में कभी कोई चर्चा या संदेह नहीं हुआ।” उन्होंने दोहराते हुए कहा कि पहली बार चुनाव आयोग के बर्ताव से नागरिक चिंतित हो गए है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आरोप लगाते हुए कहा, “बिहार में नाम हटाए गए और वर्तमान प्रक्रिया में शामिल अधिकारी भारी दबाव में हैं। कई राज्यों में लोग तनाव में हैं और कुछ तो दबाव के कारण आत्महत्या भी कर रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट संकेत है कि कुछ गलत हो रहा है।
चुनाव आयोग को लेकर कही ये बात
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “चुनाव आयोग को एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करना चाहिए। वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण आयोग का काम है, किसी राजनीतिक दल का नहीं। कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी अभियान चला रही है कि कोई भी कमजोर नागरिक अपना मताधिकार न खो दे।”
उन्होंने बल देते हुए कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जागरूकता की कमी या किसी के द्वारा उनका नाम हटाने की मंशा के कारण गरीब, दलित, आदिवासी और बुजुर्ग अपने संवैधानिक मताधिकार से वंचित न हों। उन्होंने चेतावनी दी कि राजनीतिक दबाव में की गई कोई भी कार्रवाई अस्वीकार्य होगी। पायलट ने कहा, ”चुनाव आयोग को निष्पक्षता से काम करना चाहिए। अगर वह किसी विचारधारा, सरकार या नेता के दबाव में काम करता है, तो यह जनता या कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं होगा।”
