सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। बाल संप्रेषण गृह दुर्ग (Juvenile Home Escape) से सात अपचारी बालकों के फरार होने की घटना ने पुलिस प्रशासन को अलर्ट कर दिया। शुक्रवार शाम संस्थान से भागे इन नाबालिगों में कुछ ऐसे भी थे जो चोरी, लूट और नशे जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं, जिसके चलते उनकी फरारी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों में खासा तनाव बढ़ गया था ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देशन में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई विशेष टीमें गठित कीं। शनिवार रात तक चार अपचारी बालकों को भिलाई और दुर्ग क्षेत्र में दबिश देकर पकड़ लिया गया। बाकी तीन नाबालिग तिल्दा क्षेत्र की ओर भाग निकले थे। मोबाइल सर्विलांस, मुखबिरों की सूचना और उनके पुराने परिचित संपर्कों के आधार पर लोकेशन पता कर दुर्ग–रायपुर की संयुक्त टीम ने तिल्दा में दबिश दी और तीनों को गिरफ्तार कर सुरक्षित रूप से बाल संप्रेषण गृह वापस ले जाया गया ।
पुलिस जांच में सामने आया कि नाबालिगों ने संप्रेषण गृह (Juvenile Home Escape) में निगरानी की एक कमजोर कड़ी का फायदा उठाकर पहले से फरारी की योजना बनाई थी। अनुमान है कि उन्होंने गार्ड की नजर बचाकर दीवार फांदने का मौका तलाशा। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और जांच का दायरा उनके पुराने संपर्कों व पहले दर्ज मामलों से जुड़े इलाकों तक बढ़ाया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी संप्रेषण गृह से नाबालिगों के भागने की घटनाएं सामने आई हैं। इसी कारण विशेषज्ञ सुरक्षा समीक्षा में अब परिधि दीवार ऊंची करने, कांटेदार तार लगाने, गार्डों की संख्या बढ़ाने और नियमित काउंसलिंग जैसी व्यवस्थाओं को मजबूत करने की जरूरत बताई जा रही है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
पुलिस के अनुसार सातों अपचारी बालकों को अदालत में पुनः पेश किया जाएगा। वहीं संप्रेषण गृह प्रबंधन से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण कर सुरक्षा खामियों को सूचीबद्ध किया है और सुधारात्मक निर्देश जारी किए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इन नाबालिगों के आपराधिक इतिहास को देखते हुए उन्हें सुरक्षित तरीके से रखना अत्यंत आवश्यक है और आगे सुरक्षा व्यवस्था को और भी सख्त किया जाएगा।
