सीजी भास्कर, 2 दिसंबर। केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी (Supplementary Grants) पर 28,025 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने जा रही है। सोमवार को लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए पूरक अनुदान मांगें पेश की गईं, जिनमें उर्वरक सब्सिडी के लिए 18,535 करोड़ रुपये और एलपीजी सब्सिडी के लिए 9,500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है ।
यह राशि सरकार द्वारा पेश कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये की पूरक अनुदान मांगों का हिस्सा है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 90,812 करोड़ रुपये की व्यवस्था विभिन्न मंत्रालय अपनी बचत से करेंगे। ऐसे में सरकारी खजाने पर मात्र 41,455.39 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पूरक मांगों में ईरान स्थित चाबहार पोर्ट के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान भी शामिल है। यह पोर्ट भारत विकसित कर रहा है, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण निर्माण कार्य प्रभावित रहा। 30 अक्टूबर 2025 को अमेरिका ने इस पोर्ट पर लगे प्रतिबंधों से छह महीने की छूट दी है, जिसके तहत अप्रैल 2026 तक निर्माण कार्य फिर से जारी रह सकेगा। इसी कारण तत्काल 300 करोड़ रुपये की स्वीकृति मांगी (Supplementary Grants)। गई है। इसके अलावा मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने एवं हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कार्यों के निष्पादन के लिए 2,198 करोड़ रुपये की मांग रखी गई है
(Supplementary Grants) प्रस्तावों में शामिल अन्य मदों में
हिंसा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु 523 करोड़ रुपये
ध्वस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये
केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पर आने वाला 500 करोड़ रुपये का खर्च
ये सभी अतिरिक्त व्यय पूरक अनुदान मांगों का हिस्सा हैं, जिन्हें मंजूरी मिलने पर इस वित्त वर्ष में लागू किया जाएगा।
