सीजी भास्कर, 02 दिसंबर। हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। विशेषकर मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि यह पूरे वर्ष की आखिरी पूर्णिमा होती है। इस दिन स्नान–दान, व्रत और लक्ष्मी–विष्णु पूजन (Margashirsha Purnima 2025) से सभी पापों का क्षय होता है और घर-परिवार पर देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 दिसंबर सुबह 8:37 बजे होगी, जबकि तिथि का समापन 5 दिसंबर सुबह 4:43 बजे पर होगा। उदयातिथि के आधार पर त्योहार 4 दिसंबर को ही मनाया जाएगा। इसी दिन स्नान–दान और पूजा का शुभ समय रहेगा।
पूर्णिमा के शुभ स्नान-दान मुहूर्त में सबसे श्रेष्ठ है ब्रह्म मुहूर्त (Margashirsha Purnima 2025), जो सुबह 4:19 से 4:58 बजे तक रहेगा। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 5:10 से 6:04 बजे तक है। मान्यता है कि इन खास समयों में स्नान–दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा कई गुणा बढ़कर मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
पूर्णिमा पर क्या करें?—गरीबों को अन्न, वस्त्र, धन या तिल–गुड़ का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यदि संभव हो तो गंगा स्नान करें, अन्यथा स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान (Margashirsha Purnima 2025) करें। दूध, चावल, चीनी जैसी सफेद वस्तुओं का दान चंद्रमा को मजबूत करता है और चंद्र दोष में लाभ देता है। इस दिन सात्विक भोजन करना और तामसिक चीजों—जैसे प्याज, लहसुन और मांसाहार—से दूर रहना आवश्यक है।
यह पूर्णिमा वर्ष का अंतिम महत्वपूर्ण संयोग लेकर आ रही है और माना जाता है कि जो व्यक्ति इस मुहूर्त में स्नान–दान करता है, उसके जीवन में लक्ष्मी का स्थायी वास बनता है।
