सीजी भास्कर, 31 अगस्त। रामगिरी महाराज पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा करने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में युवा बच्चों की भागीदारी भी देखी गई है, जिन्हें कट्टरपंथी विचारधारा का प्रभाव डाला गया है। NCPCR ने इस मामले में बच्चों की भागीदारी को लेकर चिंता जताई है और अधिकारियों से कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कर्नाटक के बागलकोट में हजारों लोगों ने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए, जो सिर काटने की धमकी का प्रतीक है। यह नारा मुस्लिम मौलवियों द्वारा दिए गए नफरत भरे मजहबी भाषणों के बाद उभरा, जिन्होंने लोगों को भड़काया और उनकी भावनाओं को उत्तेजित किया। वीडियो में एक उन्मादी भीड़ को ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए देखा गया। यह नारा अक्सर इस्लामी पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा के मुद्दे पर गैर-मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जाता है हालांकि यह नारा सदियों से प्रचलित है, इसका प्रयोग हाल ही में इस्लामवादी आंदोलनों द्वारा विरोध और उन्माद फैलाने के लिए किया गया है।
बागलकोट में इस्लामवादियों द्वारा लगाए गए नारे और मौलवियों द्वारा दिए गए नफरत भरे भाषणों ने स्थिति को और भी उग्र कर दिया। इसके अतिरिक्त पुणे में ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाले 300 इस्लामवादियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों ने प्रशासन की अनुमति के बिना विरोध मार्च निकाला था। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत आरोपियों पर मामला दर्ज किया है।
सोशल मीडिया पर ऐसे प्रदर्शन को जमकर वायरल किया जा रहा है जिस पर तमाम प्रतिक्रियाएं भी देखी जा रही हैं। प्रदर्शन भरे विडियो में बच्चे भी बड़ी संख्या में दिखाई पड़ रहे हैं। NCPCR ने इस मामले में बच्चों की भागीदारी को लेकर चिंता जताई है और अधिकारियों से कार्रवाई करने का आह्वान किया है।