सीजी भास्कर 19 दिसम्बर मध्य प्रदेश विधानसभा में उस वक्त सियासी हलचल तेज हो गई, जब सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की खुलकर सराहना की। वर्षों से तीखी राजनीतिक बयानबाजी के बीच यह पल असामान्य माना गया, क्योंकि यह पहली बार था जब दिग्विजय सिंह के कामकाज की इतनी विस्तार से प्रशंसा सदन के रिकॉर्ड में दर्ज हुई (Digvijaya Singh BJP Praise)।
विकास कार्यों को मिला सार्वजनिक सम्मान
विधानसभा में चर्चा के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में आईआईटी और आईआईएम की स्थापना, संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट और कोलार जल परियोजना जैसे अहम कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका निर्णायक रही, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ।
‘बंटाधार’ के सियासी नैरेटिव से अलग बयान
वर्षों तक चुनावी मंचों पर दिग्विजय सिंह के शासनकाल को आलोचना के केंद्र में रखने वाली बीजेपी की ओर से यह बयान राजनीतिक तौर पर अलग माना गया। 1993 से 2003 तक के उनके कार्यकाल पर विजयवर्गीय की यह टिप्पणी सदन में एक नए विमर्श की तरह देखी गई ।
मानवीय संवेदनाओं का किया उल्लेख
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने वक्तव्य में एक निजी अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि जब एक बीजेपी कार्यकर्ता की तबीयत अचानक गंभीर हो गई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के हेलीकॉप्टर से दिल्ली भेजने की व्यवस्था करवाई थी। इसे उन्होंने राजनीति में मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण बताया।
इंदौर को शैक्षणिक पहचान दिलाने की भूमिका
विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर देश का ऐसा प्रमुख शहर है, जहां आईआईटी और आईआईएम दोनों संस्थान मौजूद हैं। इसके लिए अर्जुन सिंह के साथ-साथ दिग्विजय सिंह के प्रयासों को भी बराबरी का श्रेय दिया जाना चाहिए। यह टिप्पणी विधानसभा की कार्यवाही में आधिकारिक रूप से दर्ज की गई।
दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया—सियासत से ऊपर संवाद
बीजेपी नेता की इस सार्वजनिक प्रशंसा पर दिग्विजय सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर आभार व्यक्त करते हुए लिखा कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में इस तरह की बात कहना साहस का काम है। उन्होंने इसे खुले विचारों की राजनीति का उदाहरण बताते हुए अंत में लिखा—“धन्यवाद… जय सिया राम।”


