नोएडा के एक थाने में महिला वकील के साथ कथित दुर्व्यवहार के गंभीर आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य पुलिस (Supreme Court Noida Case) से जवाब तलब किया है। अदालत ने कहा कि आरोप संवेदनशील और चिंताजनक हैं, इसलिए मामले की विस्तृत सुनवाई आवश्यक है। कोर्ट ने पुलिस स्टेशन के CCTV फुटेज सुरक्षित रखने के आदेश भी जारी किए हैं।
दो जजों की बेंच ने कहा कि यह मुद्दा मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा है और आरोपों की प्रकृति अत्यंत अहम है। अदालत ने स्पष्ट किया कि फुटेज को सुरक्षित रूप से सीलबंद कर पेश किया जाए, ताकि तथ्यों की जांच बिना किसी संशोधन के संभव हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
CCTV फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश
याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्हें थाने में चौदह घंटे तक अवैध रूप से रोके रखा गया और इस दौरान शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना (Supreme Court Noida Case) झेलनी पड़ी। वकील का आरोप है कि यह सब उस समय हुआ, जब वह अपने मुवक्किल की ओर से कार्रवाई कराने पहुंची थीं। बताया गया कि यह घटना 3 दिसंबर की रात नोएडा के सेक्टर-126 थाने में हुई।
दायर याचिका में कहा गया है कि वकील अपने मुवक्किल को लेकर थाने पहुंचीं — जिन्हें सिर में चोट आने के बाद एफआईआर दर्ज करवानी थी। आरोप है कि उसी दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और थाने में मौजूद CCTV कैमरे बंद पाए गए।
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि सामान्य परिस्थितियों में ऐसे मामलों में सीधी (Supreme Court Noida Case) सुनवाई नहीं होती, लेकिन आरोपों की गंभीरता और CCTV से जुड़े तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका स्वीकार की जा रही है। अदालत ने यह भी तय किया है कि मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। अब निगाहें इस बात पर है कि पुलिस की ओर से किस प्रकार का पक्ष सामने आता है और जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।


