सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं ने बीते दो वर्षों में एक ऐतिहासिक बदलाव देखा है। कभी सीमित संसाधनों और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की कमी से जूझने वाला यह जिला, आज मजबूत चिकित्सा अधोसंरचना, अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं और तेज़ आपात सेवाओं के साथ प्रदेश में एक नए स्वास्थ्य मॉडल (Health Revolution) के रूप में उभर रहा है।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता ने जशपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई गति और जनविश्वास प्रदान किया है। पहले जहां सामान्य उपचार और सुरक्षित प्रसव के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, वहीं अब जिले में ही उच्च स्तरीय सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। डायलिसिस जैसी सेवाएं, जो कभी असंभव लगती थीं, आज सरलता से जिले में उपलब्ध हैं।
दो वर्षों में मिली स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐतिहासिक सौगातें
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में जशपुर में चिकित्सा अधोसंरचना के विस्तार हेतु कई बड़े निर्णय लिए गए। जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए वित्त विभाग से 359 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हुई है, जो प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में नया मील का पत्थर साबित होगा। वहीं 220 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक अस्पताल के निर्माण के लिए 32 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
अखिल भारतीय कल्याण आश्रम परिसर में 35 करोड़ रुपये की लागत से चिकित्सालय का निर्माण तेज़ी से जारी है। इसके साथ ही जिले में नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 8.78 करोड़ रुपये से नर्सिंग कॉलेज भवन की स्वीकृति दी गई है, जिससे प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य को मिली प्राथमिकता
कुनकुरी में 50 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु अस्पताल का निर्माण 8.77 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त 14 करोड़ रुपये से फिजियोथेरेपी महाविद्यालय और 2.62 करोड़ रुपये से नेचुरोपैथी भवन निर्माण की स्वीकृति जिले की चिकित्सा व्यवस्था को बहुआयामी बना रही है।
फरसाबहार मुख्यालय में सत्य साईं मातृत्व शिशु चिकित्सालय की स्थापना होने जा रही है, जो क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी स्वास्थ्य सौगात होगी और आसपास के राज्यों के लोगों को भी लाभ मिलेगा। यह पहल मातृ-शिशु सेवाओं को और मजबूत करेगी और जिले को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं (Health Revolution) से जोड़ने का कार्य करेगी।
आपात सेवाओं को मिली नई गति
आपात चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करते हुए जिले को 10 नई 108 संजीवनी एंबुलेंस मिली हैं। अब कुल 24 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस जिले में जीवनरक्षक सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा 102 महतारी एक्सप्रेस की 18 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव में अहम भूमिका निभा रही हैं। प्रत्येक विकासखंड में शव वाहन की उपलब्धता ने ग्रामीण इलाकों को बड़ी राहत दी है।
नए स्वास्थ्य केंद्रों की सौगात
कोतबा में 4.37 करोड़ रुपये से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जबकि पेटामारा, गांझियाडीह, करडेगा, सीरिमकेला और केराडीह में 5 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना को मंजूरी मिली है। इससे ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुगम होंगी।
जशपुर जिले ने चिकित्सा अधोसंरचना, मातृ-शिशु सेवाओं, आपात सुविधा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में जिस गति से विकास किया है, वह जिले को सुरक्षित, सक्षम और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली (Health Revolution) की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो रहा है। यह बदलाव केवल संरचनागत विकास नहीं, बल्कि जनविश्वास और बेहतर भविष्य की मजबूत नींव है।


