सीजी भास्कर, 19 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद (Mosque Dispute) के चलते अब मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के आधार कार्ड (Controversy Over Aadhaar Card) को लेकर नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है। कारण बाहरी राज्यों से आए मुस्लिम कारोबारियों की डेट ऑफ बर्थ है।
आपको बता दें कि शिमला जिला के गुम्मा (Gumma In Shimla Distt) में 88 में से 46 लोगों के आधार कार्ड पर जन्म तिथि 1 जनवरी है जिससे समुदाय विशेष पर शक की सुई घूम रही है।
संदेह के आधार पर गुम्मा व्यापार मंडल ने कोटखाई पुलिस थाना (Kotkhai Police Station) में इसकी शिकायत दी है, जिसमें 88 कारोबारियों के दस्तावेज पुलिस को दिए और इनकी जांच की मांग की गई। व्यापार मंडल का दावा है कि 88 में से 46 लोगों की जन्म तिथि पहली जनवरी है। बर्थ ईयर जरूर अलग-अलग है, इनमें बाहरी राज्यों के चार हिंदू कारोबारी भी शामिल हैं।
इस संबंध में गुम्मा व्यापार मंडल के प्रधान देवेंद्र सिंह के मुताबिक उन्होंने बाहरी राज्यों से आए कारोबारियों के दस्तावेज की जांच की तो पता चला कि इनमें ज्यादातर प्रवासी कारोबारियों की डेट ऑफ बर्थ पहली जनवरी है। एक जैसी जन्म तिथि वाले ज्यादातर कारोबारी उत्तर प्रदेश के हैं। उनका कहना है कि संभव है कि अधेड़ लोगों को अपनी (Date Of Birth) डेट ऑफ बर्थ याद न हो इसलिए ज्यादातर ने अपनी जन्म तिथि एक जनवरी लिखा दी होगी लेकिन 2001 से 2009 के बीच जन्मे मुस्लिम युवाओं (Muslim Youth) को भी अपनी जन्म तिथि याद नहीं है,इससे शक गहरा जाता है।