सीजी भास्कर, 28 सितंबर। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के कर्मचारियों को बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी यूनियन एकजुट करने में जुटी हुई है। शक्ति प्रदर्शन के रूप में कर्मचारियों को आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। बोनस के रूप में अधिक पैसा लेने के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाने और शक्ति दिखाने का मंत्र दिया जा रहा है। इसी क्रम में आज शाम सवा 5 बजे से भिलाई में सेक्टर 1 मुर्गा चौक से मशाल जुलूस निकाला गया। बीएसपी में मेन गेट तक मशाल थाम्हे सैकड़ों कर्मचारी आज सड़क पर दिखाई पड़े।
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बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के द्वारा प्रोडक्शन रीलेटेड फार्मूले के तहत बोनस की गणना किए जाने का फार्मूला लागू करने को लेकर आज प्रबंधन को सचेत करते हुए मशाल जुलूस निकाला। इसके पूर्व दो दिन तक कार्य स्थल पर काला बैज लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था। तीन दिन तक चले प्रदर्शन के अंतिम दिन 28 सितंबर को बीएकेएस यूनियन के द्वारा विशाल मशाल जुलूस निकालकर प्रबंधन के खिलाफ बीएसपी कर्मियों के अहितकारी एएसपीएलआईएस फर्मुला के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया गया।
अमर सिंह अध्यक्ष बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रबंधन से अनुरोध कर रहे हैं कि हमारी जायज मांग है कि प्रोडक्शन के बदले हमको पे चाहिए। हमारा पर टन के हिसाब से एक एमाउंट फिक्स हो, उसमें मिले उसका सेवेंटी ट्वेंटी परसेंट हो या तो थर्टी पर्सेंट एविटा का दे दीजिए या तो दूसरा फार्मूला एनएसआर का दो पर्सेंट हमको दे दीजिए पर टन के हिसाब से। हमारा फॉर्मूला फिक्स हो और वो फॉर्मूला इस तरह की प्रोडक्शन बढ़े तो भी हमको प्रॉफिट हो, मैन पावर का लास हो तो भी हमको प्राफिट हो। हमको एक फिक्स एमाउंट नहीं चाहिए, आप पिछले तीन साल का तो भैया आप खुद बैठे तो बीते तीन साल का एवरेज पीपीटी का पाँच पर्सेंट क्यों नहीं ले रहे, आप तो हर साल के करेंट ईयर पीपीटी का ले रहे 5 पर्सेंट, तो हमारे लिए पिछले तीन साल का क्यों? तीन साल लास में जाएगा तो हम माइनस में जाएं, लेकिन जब प्रॉफिट में जाए तब भी हम प्राफिट में नहीं जा सकते और एनजेसीएस में जैसे 25 नेता हैं, 25 नेता में से 5 लोगों के साईन करने से कोई फार्मूला नहीं बन सकता है। 25 लोग हैं एनजेसीएस में, सरकार ने गठन किया है, 25 में से 5 साईन करेंगे, 5 में से 3 साइन करेंगे और आपका फार्मूला बन गया। ये क्या 48 हजार लोगों को 5 लोग लीड कर रहे हैं, क्या प्रूफ है मैनेजमेंट के पास? किस अधिकार से वो 5 साईन करने जा रहे हैं? कुछ सीटू के सेंट्रल नेता हैं तो सीटू 3 प्लांट या 4 प्लांट में लीड कर रही है। कुछ नेता तो ऐसे बैठे हुए हैं जिनका यहां किसी एक प्लांट में भी रिकोग्नेशन नहीं है तो वो किस आधार पर साइन कर रहे हैं? सबसे ज्यादा तो अवैध तो एनजेसीएस समिति है और जो इसको बढ़ावा दे रहे हैं वो हैं। अगर अस्सी पर्सेंट समस्याओं की जड़ हमारी एनजेसीएस है। एनजेसीएस में कर्मचारी जिस दिन से बैठेगा उस दिन से किसी कर्मचारी को रोड पर उतरना नहीं पड़ेगा। गलती किसी कमेटी में नहीं होती, नाम में नहीं होती है गलती होती है उस कमेटी में बैठने वाले मेंबर्स की। उसके मेंबर्स बदलना चाहिए और मेंबर सिर्फ काम करने वाले कर्मचारी वर्कर्स एम्प्लायी होने चाहिए, जो रिटायर हो गए वो अपना घर परिवार, गृहस्थ वानप्रस्थ आश्रम की ओर सन्यास लें। लेकिन कर्मचारियों को अपने हाल पर छोड़ दें, वो अगर प्रोडक्शन कर सकते हैं तो अपने हक का फैसला भी कर सकते हैं। हम कहीं से टूट कर यूनियन नहीं बनाए हैं। हम पिछले दस साल से एम्प्लॉयर सभी यूनियनों का साथ देकर देख चुके कोई हमारे हक की लड़ाई लड़ेगा, सभी यूनियन हमारे कंधे पर बंदूक रख चलाना जानते हैं, सभी को कुछ न कुछ अर्जित करना है। तो उसके लिए ये हुआ कि कर्मचारी को अपने पैरों पर खड़ा होना तो यूनियन बनाना पड़ेगा और उसी से यूनियन बनाए अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए कर्मचारी।