सीजी भास्कर, 30 सितंबर। जी हां, हम बात कर रहे हैं वर्ष 2021 की। जब उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में दलित पंचायत अधिकारी अनीश कुमार चौधरी की हत्या ने जाति विभाजन और ऑनर किलिंग जैसी सामाजिक बुराइयों को उजागर किया।बात 24 जुलाई 2021 की है जब अनीश कुमार चौधरी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अनीश एडीओ पंचायत (पंचायत अधिकारी) के पद पर तैनात थे। उन्होंने ब्राह्मण समुदाय की लड़की दीप्ति से प्रेम विवाह किया और उनका यही कदम उनके जीवन के लिए घातक साबित हुआ। इस हत्या को लेकर आरोप लगाया गया कि लड़की के परिवार ने कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से हत्या को अंजाम दिया है।
आपको बता दें कि अनीश की दिनदहाड़े गड़ासे से काट कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने न सिर्फ अनीश की जान ले ली बल्कि समाज में जाति आधारित हिंसा की गहरी जड़ों को भी उजागर कर दिया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अनीश की पत्नी दीप्ति का दावा है कि उनका परिवार उनकी शादी से खुश नहीं था।
अनीश और दीप्ति ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एक साथ गोरखपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। तभी कैंपस मीटिंग के दौरान अनीश और दीप्ति को ग्राम पंचायत अधिकारी के पद के लिए चुना गया था। नौकरी मिलने के बाद अनीश से उनकी पहली मुलाकात 9 फरवरी 2017 को गोरखपुर के विकास भवन में हुई थी। एक ही पद के चयन बाद विश्वविद्यालय के परिसर में होने वाली दोनों की बैठकों की संख्या बढ़ने लगी। जैसे-जैसे वे एक साथ प्रशिक्षण लेते गए, वे एक-दूसरे के और करीब आते गए। इसके बाद उन्होंने सामाजिक मान्यताओं और जातिगत बंधनों को दरकिनार करते हुए शादी का फैसला किया। हालांकि, दीप्ति के परिवार और समुदाय को यह शादी मंजूर नहीं थी। उन्होंने इस शादी का कड़ा विरोध किया क्योंकि उनके समाज में दलित से शादी करना ‘परिवार की इज्जत’ के खिलाफ माना जाता था। बावजूद अनीश और दीप्ति ने शादी कर ली और इसके बाद उन्हें काफी दबाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार शादी के कुछ समय बाद ही दोनों परिवारों के बीच तनाव बढ़ गया। दीप्ति के परिवार ने इस शादी को कभी स्वीकार नहीं किया और लगातार अनीश और दीप्ति पर दबाव बनाया। अनीश और उसकी पत्नी को सामाजिक स्तर पर कई धमकियों का सामना करना पड़ा। जांच में सामने आया कि इस हत्या के पीछे दीप्ति के परिवार के सदस्यों और उनके समुदाय के कुछ लोगों का हाथ था। उन्हें यह विवाह अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अपमानजनक लगा और उन्होंने इसे ‘इज्जत’ से जोड़कर हत्या की साजिश रची और फिर एक दिन अनीश कुमार चौधरी की हत्या कर दी गई।घटना वाले दिन अनीश अपने दैनिक काम से लौट रहा था तभी कुछ अज्ञात हमलावरों ने उस पर बेरहमी से हमला किया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। अनीश को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह स्पष्ट हो गया कि यह हत्या उसके और दीप्ति के विवाह से उपजे जातिगत आक्रोश और ‘ऑनर किलिंग’ का नतीजा थी।
अनीश की हत्या के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। दीप्ति के परिवार और अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में भी लिया और हत्या की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि घटना पहले से तय थी और परिवार के कुछ लोगों ने ही साजिश रची। यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और ‘ऑनर किलिंग’ की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। अनीश कुमार चौधरी की हत्या ने दिखा दिया कि भारत के कुछ हिस्सों में आज भी लोग अपने सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों की रक्षा के लिए जाति के आधार पर हिंसा का सहारा लेते हैं।
अनीश कुमार चौधरी की हत्या एक दु:खद और झकझोर देने वाली घटना है, जो समाज में व्याप्त जातिगत विभाजन और ऑनर किलिंग की प्रवृत्ति को उजागर करती है। यह घटना दर्शाती है कि समाज का एक बड़ा हिस्सा अभी भी प्रेम और विवाह की स्वतंत्रता को स्वीकार करने में पीछे है और जाति की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। ऐसी घटनाएं हमारे समाज में सामाजिक सुधार और जागरूकता की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है।