सीजी भास्कर, 28 जून। दुर्ग जिले में जन्मे विख्यात हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का गत दिनों आकस्मिक निधन पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गौरव, व्यंग्यकार पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे की कवितायें न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि सात समंदर पार विदेशों में भी गूंजती हैं।
श्री सेन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, छत्तीसगढ़ प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल एवं संगठन महामंत्री पवन साय से छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख संस्थान और हर जिले में एक-एक बड़े संस्थान का नामकरण पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबेजी के नाम करने की मांग की है।

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि अपने विलक्षण हास्य, तीक्ष्ण व्यंग्य और अनूठी रचनात्मकता के माध्यम से डॉ. सुरेंद्र ने न केवल देश-विदेश के मंचों को गौरवान्वित किया बल्कि छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी उनकी अहम् भूमिका रही है।
डॉ दुबे को काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार, पद्मश्री, पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान, अमेरिका के वाशिंगटन में हास्य शिरोमणि सम्मान, देश के तीन विश्वविद्यालयों से पीएचडी की उपाधि सहित अनेक सम्मान मिले, उनके नहीं होने के बाद भी वो हम सबके हृदय और मन मस्तिष्क में अपनी अमर रचनाओं के माध्यम से सदैव अमर हैं।
छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए उनके योगदान को भावी पीढ़ियों के बीच स्मृति शेष बनाए रखने के लिए प्रदेश और छत्तीसगढ़ के हर जिले के एक बड़े संस्थान को डॉ सुरेंद्र दुबे के नाम पर समर्पित किए जाने की आवश्यकता मुझे महसूस हुई इसलिए मैंने हमारे मार्गदर्शक छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णुदेव साय और हमारे संरक्षक भारतीय जनता पार्टी संगठन से यह मांग की है।