सीजी भास्कर1 अगस्त’
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेटर अभिमन्यु ईश्वरन का अब भी टीम इंडिया में डेब्यू होना बाकी है — और इस लंबे इंतज़ार ने अब उनके परिवार की उम्मीदों को चोट पहुंचाई है। ईश्वरन के पिता रंगनाथन ईश्वरन ने सीधे तौर पर भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है, “जब अभिमन्यु ने लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, तो फिर करुण नायर को कैसे तरजीह दी गई?”
डिप्रेशन में पहुंच चुके हैं अभिमन्यु: पिता का दावा
पिता ने दावा किया कि अभिमन्यु अब मानसिक रूप से बुरी स्थिति में हैं और डिप्रेशन में जा चुके हैं। इंग्लैंड दौरे में दो बेहतरीन अर्धशतक लगाने के बावजूद उन्हें ओवल टेस्ट में मौका नहीं दिया गया। टीम ने जहां प्लेइंग इलेवन में चार बदलाव किए, वहीं ईश्वरन एक बार फिर बाहर रह गए।
3 साल से इंतज़ार में, रन बनाकर भी नज़रअंदाज
रंगनाथन ईश्वरन ने कहा, “मैं अब दिन नहीं, साल गिन रहा हूं। पिछले तीन सालों में अभिमन्यु ने 800+ रन बनाए। ईरानी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, ऑस्ट्रेलिया ए दौरे — हर जगह उन्होंने परफॉर्म किया, फिर भी सिलेक्शन नहीं मिला।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब अभिमन्यु रन बना रहे थे, उस वक्त करुण नायर न तो टीम में थे, न ही घरेलू टूर्नामेंट खेल रहे थे। “ऐसे में करुण को चुनना और अभिमन्यु को छोड़ना पूरी तरह से गलत है।”
आईपीएल बनाम घरेलू क्रिकेट – गलत पैमाना?
पिता का दर्द यहीं नहीं रुका। उन्होंने चयन प्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा, “कुछ खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल की परफॉर्मेंस के दम पर टेस्ट टीम में आ जाते हैं। जबकि टेस्ट के लिए प्राथमिकता रणजी, ईरानी और दलीप ट्रॉफी को दी जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा, तो मेहनती खिलाड़ी कभी इंडियन कैप नहीं पहन पाएंगे।”
चयन नीति को लेकर गंभीर सवाल
गौतम गंभीर जैसे सख्त कोच के नेतृत्व में उम्मीद थी कि सीनियर डोमेस्टिक खिलाड़ियों को सम्मान मिलेगा। लेकिन अभिमन्यु जैसे खिलाड़ियों के साथ हो रहे व्यवहार से एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं — क्या इंडिया डेब्यू अब भी टैलेंट पर मिलता है, या सिर्फ मौके और नेटवर्क से?