सीजी भास्कर, 10 अक्टूबर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB Bribery Trap Bilaspur) की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग के एक बाबू को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि बाबू अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत मिलने वाली सरकारी राशि जारी करने के लिए आवेदक से रिश्वत मांग रहा था।
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र के एक युवक ने दुर्ग जिले की युवती से अंतर्जातीय विवाह किया था। इस योजना (ACB Bribery Trap Bilaspur) के तहत सरकार की ओर से दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। युवक ने पुराना कंपोजिट बिल्डिंग स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में आवेदन किया था। आवेदन प्रक्रिया आगे बढ़ाने के दौरान वहां पदस्थ बाबू मनोज तोंडेकर ने पहले तो उसे कई दिनों तक इधर-उधर दौड़ाया, और बाद में राशि जारी करने के बदले 10 हजार रुपए की मांग की।
थक हारकर युवक ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई (ACB Bribery Trap Bilaspur) की योजना बनाई। शुक्रवार सुबह युवक तय योजना के अनुसार नेहरू चौक स्थित कंपोजिट बिल्डिंग पहुंचा और आरोपी बाबू को 10 हजार रुपए सौंप दिए। जैसे ही बाबू ने रिश्वत की राशि हाथ में ली, पहले से मौजूद एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि आरोपी बाबू के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली गई है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बाबू पिछले लंबे समय से इस तरह की अवैध वसूली (ACB Bribery Trap Bilaspur) में लिप्त था और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से पैसे लेकर फाइल आगे बढ़ाता था।
इस कार्रवाई से विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। एसीबी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग में अब अन्य संदिग्ध कर्मचारियों की गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जा रही है।