सीजी भास्कर, 29 सितंबर। मध्यप्रदेश से बस बदल कर धार से इंदौर, हैदराबाद, रायपुर और फिर दुर्ग तक आए डकैतों ने दुर्ग हाईवे रोड से आटो का उपयोग कर डकैती की और हाईवे से ट्रक से लिफ्ट मांगकर नागपुर भाग गए थे। आपको बता दें कि इस मामले के खुलासे में त्रिनयन एप की रही महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस ने साढ़े 5 सौ से भी अधिक सीसीटीव्ही कैमरे खंगाले, पतासाजी के दौरान हजार से भी अधिक मोबाईल नंबरों का विश्लेषण किया। तरीका वारदात आपराधिक भील गिरोह मध्यप्रदेश का होने से धार झाबुआ में पतासाजी के लिए कैंप भी किया।
घटना के मुख्य आरोपी सहित दो आरोपी धार से गिरफ्तार हुए और शेष फरार आरोपियों की पतासाजी दुर्ग पुलिस कर रही है। डकैती के सोने चांदी का सौदागर पीपलदल्या धार निवासी भूरसिंह चौहान भी गिरफ्तार किया गया है जिसने अलग अलग तारीख पर 165 ग्राम सोने चांदी के जेवरात खरीदे थे। वह प्रति 12 ग्राम को 52,000 रूपये में चुकारा करता था और खरीदी का 5000 कमीशन काट कर आरोपियों को देता था। एजेंट भूरसिंह चौहान का पुलिस रिमांड लेकर माल बरामदगी हेतु दुर्ग पुलिस धार रवाना हो रही है।गौरतलब हो कि डकैतों के गांव में आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी है।
आरोपियों ने दुर्ग रसमड़ा के अतिरिक्त एनएसपीसीएल कालोनी रूआंबांधा दुर्ग एवं खम्हारडीह क्षेत्र रायपुर व पूर्व में कटघोरा, कोरवा में भी नकबजनी व डकैती की घटना को अंजाम दिया है। आरोपी भंगु डावर पिता कालू डावर उम्र 25 निवासी नरवाली थाना टांडा जिला-धार मध्यप्रदेश से एक सोने की चैन, एक सोने की लॉकेट, एक सोने की मंगलसूत्र, एक सोने की अंगूठी, भूरसिंह चौहान पिता भुवन सिंह चौहान उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम पीपलदल्या थाना टांडा मध्यप्रदेश जिला धार से नगदी 5200 रूपये, एक सोने की नेकलेस कीमत करीबन 3 लाख 20 हजार रूपये एवं अन्य जेवरात की बरामदगी हेतु पुलिस रिमांड ली गई है। अब टीम धार जाकर माल बरामद करेगी।विदित हो कि दिलीप मिश्रा पिता स्व. नागेश्वर मिश्रा उम्र 52 निवासी गनियारी रोड दिलीप टिंबर रसमड़ा चौकी अंजोरा द्वारा 8 जून को रिपोर्ट दर्ज कराया कि 7-8 की दरमियानी रात्रि टिंबर में अज्ञात पांच नकाबपोश ने घर का दरवाजा तोड़कर उसकी पत्नी को जान से मारने की धमकी दे उनके हाथ पैर बांधकर आलमारी तोड़ उसमें रखे करीबन 35 तोला सोने के जेवरात सोने व नगदी 26 हजार रूपये तथा तीन नग घड़ी लूटकर ले भागे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग, पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला ने स्वयं घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण किया और आरोपियों की शीघ्र पतासाजी करने के निर्देश दिए थे। एक विशेष टीम गठित कर आरोपी पता तलाश हेतु लगाई गई थी। घटना का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया, घटना स्थल व घटना स्थल के आने जाने वाले मागों में लगे सीसीटीव्ही कैमरों का अवलोकन किया गया जिसमें घटना को घटित करने पांच आरोपियों के फूटेज प्राप्त हुए, जिसके आधार पर आरोपियों के आने जाने के मार्गों रूकने के संभावित स्थानों की तकरीबन पांच सौ से अधिक सीसीटीव्ही कैमरों का अवलोकन किया गया।
सीसीटीव्ही से प्राप्त फुटेज व तरीका वारदात के आधार पर आरोपियों की पहचान आपराधिक भील गिरोह धार झाबुआ के रूप में सुनिश्चित हुई किंतु स्पष्ट पहचान नामजद न होने से एक विशेष टीम गठित कर डीएसपी काईम के नेतृत्व में धार झाबुआ क्षेत्र में लगातार 22 दिनों तक कैंप कर सीसीटीव्ही कैमरें फुटेज के आधार पर लगातार पहचान के प्रयास किए जाने के फलस्वरूप मुख्य आरोपी की पहचान भंगू डावर निवासी नरवानी थाना टांडा जिला धार के रूप में हुई। जहां थाना टांडा एवं टीम के द्वारा घेराबंदी कर लगातार कई प्रयासों के बाद अंततः भंगू डावर निवासी नरवाली को पकड़ने में सफलता मिली। भंगू डावर से पूछताछ करने पर उसने अपने साथी दिलीप, गणपत, भाया, अनिल राठौर, अनिल बघेल के साथ मिलकर ग्राम रसमड़ा में डकैती एवं एनएसपीसीएल रूआंबांधा, खम्हारडीह क्षेत्र रायपुर मे चोरी करना स्वीकार किया। अन्य आरोपियों को पकड़ने का काफी प्रयास किया गया, जो सकुनत से फरार मिले।
डकैती एवं चोरी से मिले माल को भूरसिंह उर्फ भूरिया ग्राम पीपलदल्या थाना टांडा जिला धार को बेचना बताए जाने पर टीम के द्वारा तत्काल पतासाजी कर भूरसिंह उर्फ भूरिया को थाना टांडा क्षेत्र में पकड़ा गया। जिसके द्वारा माल मशरूका को अपने स्थानीय सोना चांदी के व्यापारी जैन के पास बेचना बताया, जिसकी पता तलाश जारी है। इस कार्यवाही में डीएसपी काईम हेमप्रकाश नायक, उनि रामनारायण सिंह ध्रुव, सउनि गुप्तेश्वर, प्रआर प्रदीप सिंह, चंद्रशेखर बंजीर, आर. बालमुकुंद साहू, अश्वनी यदु, आर. बृजमोहन सिहं, ऋषि यादव, सुमन मंडावी म.आर. आरती सिंह की अहम भूमिका रही।