सीजी भास्कर, 17 अप्रैल। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप (Action 108 Contractors) की अध्यक्षता में आज शिवनाथ भवन, अटल नगर में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंत्री ने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ने निर्देशों के बावजूद टेंडर प्रक्रिया में फर्जी (Action 108 Contractors) जानकारी देकर भाग लेने वाले करीब 108 ठेकेदार जिनकी पहचान कर ली गई है। उन सभी पर एक सप्ताह के भीतर उनकी EMD राजसात करने के साथ ही उन्हें एक वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया से बाहर करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन को इस कार्रवाई का प्रतिवेदन देने के भी निर्देश दिए।
बैठक (Action 108 Contractors) में 100 दिनों के भीतर सभी लंबित निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराए जाने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन की समय-सीमा को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं सभी संभागों का दौरा कर विभागीय कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बस्तर संभाग में देऊरगांव और मटनार योजना का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को जल समस्या से राहत मिलेगी और इंद्रावती नदी के जल का समुचित उपयोग हो सकेगा।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियंता को 5 प्रतिशत निर्माण कार्यों का, अधीक्षण अभियंता को 10 प्रतिशत और कार्यपालन अभियंता अपने संभाग के 100 प्रतिशत कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक जांच के लिए सभी संभागों में गठित उड़नदस्ता को सुशासन तिहार के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जल संसाधन मंत्री ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त सभी जन शिकायतों (Action 108 Contractors) व मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंत तक उनका निराकरण किया जाए।
प्राप्त आवेदनों में अन्य विभागों से संबंधित हैं, उन्हें दो दिवस के भीतर संबंधित विभाग को हस्तांतरित किए जाएं।
उन्होंने सुशासन तिहार से संबंधित आवेदनों के निराकरण एवं समन्वय के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए हैं।