सीजी भास्कर, 10 अगस्त : इस बार बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम (Admission Without Entrance) में दाखिले 12वीं कक्षा के आधार पर होंगे। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने इसके लिए एंट्रेंस एग्जाम लेने से मना कर दिया है। दरअसल, SCERT इन दोनों कोर्स का नाम बदलकर एग्जाम के व्यापम को खत भेजने वाला था। लेकिन धीमे रवैये के चलते इस पूरी प्रक्रिया में इतनी लेटलतीफी हुई कि व्यापमं ने एग्जाम लेने से इन्कार कर दिया। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 12वीं के अंकों के आधार पर दोनों कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
जारी नहीं की जाएगी मेरिट लिस्ट (Admission Without Entrance)
वहीं कई चरणों में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने के स्थान पर महाविद्यालयों को एक ही चरण में दाखिले देने होंगे। स्पष्ट कहा जाए तो मेरिट लिस्ट केवल एक बार ही जारी होगी। एडमिशन प्रोसेस राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के स्थान पर कॉलेज अपने लेवल पर ही आगे बढ़ाएंगे। हालांकि स्टूडेंट्स को 12वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश देने के बाद उनकी सूची SCERT को सौंपनी होगी।
दोनों कोर्स की मात्र 250 सीट, 4 कॉलेज में ही उपलब्ध
बता दें कि प्रदेश में सिर्फ चार ही महाविद्यालय ऐसे हैं, जहां ये दोनों कोर्स उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ में बीए बीएड की 100 तथा बीएससी बीएड की मात्र 150 सीटें हैं। इन कोर्स में प्रवेश 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद मिलता है।
बीएड और डीएलएड काउंसलिंग डेट तय नहीं
इसके उलट बीएड में प्रवेश के लिए स्नातक उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा (Admission Without Entrance) व्यापमं ने ली थी। इन प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित कर दिए गए हैं। हालांकि SCERT बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग शेड्यूल अब तक जारी नहीं कर सका है। वहीं दूसरी ओर, अगले शैक्षणिक सत्र से शिक्षा इन दोनों पाठ्यक्रमों को भी उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत लाने की तैयारी चल रही है।
SCERT तय नहीं कर सका पाठ्यक्रम का नाम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीए बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रमों का नाम परिवर्तन किया जाना है। इन्हें अब इंटीग्रेटेड टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम कहा जाएगा। ये पाठ्यक्रम फिलहाल SCERT के अधीन है। SCERT की पाठ्यक्रमों के नाम में परिवर्तन के बाद प्रवेश परीक्षा के लिए व्यापम को खत भेजे जाने की योजना था। लेकिन SCERT तय समय सीमा तक नाम ही नहीं बदल सका। अंत में पुराने नाम से ही कोर्स संचालन का निर्णय लिया गया। इसके बाद व्यापम को प्रवेश परीक्षा आयोजित करने प्रस्ताव भेजा गया। जोकि इन सब में बहुत देर हो चुका था। इसलिए व्यापम ने प्रवेश परीक्षा लेने से इनकार कर दिया।