सीजी भास्कर, 12 अक्टूबर। महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तारी हो चुकी है। उसके भारत लाने की तैयारी शुरू हो गई है। महादेव सट्टा ऐप केस में छत्तीसगढ़ के कई दिग्गज नेताओं एवं अधिकारियों के नाम शामिल हैं। प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के भारत आने से कई नेताओं और अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें महादेव सट्टा ऐप के मुख्य प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर सौरभ को भारत लाया जा सकता है। सौरभ चंद्राकर भिलाई जिला दुर्ग का रहने वाला है। सौरभ की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत तेज हो सकती है। माना जा रहा है कि सौरभ के भारत आने के बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है और इस नेटवर्क में प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े अधिकारियों एवं राजनीति को का नाम सामने आ सकता है।
महादेव सट्टा ऐप में मनी लॉड्रिंग मामले की जांच ईडी, सीबीआई कर रही है। छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई लंबे समय से जारी रही है। ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, एसोसिएट कमिश्नर अभिषेक चंद्राकर, पर्यवेक्षक अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी को गिरफ्तार किया था। महादेव बुक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा से भी पूछताछ की गई थी। इस मामले में अभी तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान महादेव सट्टा ऐप में भूपेश बघेल का भी नाम सामने आया था। ईओडब्ल्यू ने महादेव बेटिंग एप के मालिकों से 508 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में केस दर्ज किया है। भूपेश बघेल सहित 18 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इसके साथ ब्यूरोक्रेट्स व पुलिस अधिकारियों के साथ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। महादेव बेटिंग एप के मालिक सौरव चंद्राकर, रवि उप्पल शुभम सोनी और अनिल से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम शामिल है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने सौरभ चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को गिरफ्तार किया था। उसके गिरफ्तारी रायपुर के एक होटल से हुई थी। गिरफ्तारी के समय असीम दास के पास से करीब पौने तीन करोड रुपये बरामद होने का दावा किया गया था। ईडी की पूछताछ में असीम ने अपने बयान में कहा था कि यह पैसे भूपेश बघेल को देने आया था। इसी दौरान असीम ने 508 करोड़ रुपये भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था। इसी आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी।
दावा किया जा रहा है कि ऑनलाइन बेटिंग एप महादेव के संचालन से प्रमोटर्स ने वर्ष 2020 में ऑनलाइन सट्टा खिलाकर लगभग साढे चार सौ करोड़ रुपये महीने की अवैध राशि अर्जित की थी। इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों ने फर्जी दस्तावेजों की आधार पर सैकड़ों बैंक अकाउंट खोल रखे थे। इन बैंकों के जरिए राशि को संयुक्त अरब अमीरात तक पहुंचाया गया। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच चल रही है।