सीजी भास्कर, 8 अक्टूबर। राजधानी रायपुर स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) के एक छात्र ने अपने ही संस्थान की 36 छात्राओं की तस्वीरों को (AI Crime) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से एडिट कर उन्हें अश्लील रूप में तैयार किया। जांच में आरोपी के लैपटाप और मोबाइल से करीब 1000 से अधिक फर्जी फोटो और वीडियो बरामद हुए हैं।
जानकारी के अनुसार छात्र कई महीनों से इस शर्मनाक हरकत को अंजाम दे रहा था। वह इंस्टाग्राम, फेसबुक और लिंक्डइन जैसी सोशल मीडिया साइट्स से छात्राओं की प्रोफाइल फोटो डाउनलोड कर उन्हें (AI Crime) एआइ टूल्स की मदद से मार्फ करता था। इन तस्वीरों को अश्लील रूप देने के बाद वह अपने निजी लैपटॉप और क्लाउड सर्वर पर सेव कर रखता था।
छात्राओं ने उठाई आवाज, संस्थान ने किया निलंबन
जब कुछ छात्राओं को इस गंदी हरकत की भनक लगी तो उन्होंने ट्रिपलआइटी प्रबंधन को लिखित शिकायत दी। शिकायत मिलते ही संस्थान ने आरोपी छात्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और जांच समिति गठित कर दी। हालांकि, पीड़ित छात्राओं ने आरोप लगाया कि संस्थान ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई और मामले को आंतरिक जांच बताकर दबाने की कोशिश की जा रही है।
छात्राओं का कहना है कि यदि मामले की एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो आरोपी छात्र द्वारा फोटो को ऑनलाइन लीक करने का खतरा बना रहेगा। उन्होंने मांग की है कि साइबर पुलिस की मदद से आरोपी के लैपटॉप, मोबाइल और (AI Crime) क्लाउड डेटा की विस्तृत जांच कराई जाए और सभी आपत्तिजनक फोटो-वीडियो डिलीट करवाए जाएं।
फोटो बेचने की भी साजिश का शक
सूत्रों के अनुसार आरोपी छात्र न केवल इन तस्वीरों को एडिट करता था, बल्कि संभवतः इन्हें (AI Crime) अवैध रूप से बेचने की भी योजना बना रहा था। जानकारी यह भी सामने आई है कि वह पहले से संस्थान के कार्यक्रमों के दौरान फोटो खींचकर अपने पास रखता था, जिन्हें बाद में एडिट कर अश्लील बनाता था।
ट्रिपलआइटी के डायरेक्टर डॉ. ओमप्रकाश व्यास ने कहा कि आरोपी छात्र को निलंबित कर दिया गया है और मामले की प्रारंभिक जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी। मामले के सार्वजनिक होने के बावजूद अब तक किसी भी छात्रा या संस्थान की ओर से पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। इससे यह अंदेशा बढ़ गया है कि (AI Crime) आरोपी छात्र के डिजिटल सबूत नष्ट किए जा सकते हैं। साइबर सेल ने भी इस पूरे मामले पर निगरानी बढ़ा दी है और डिजिटल सबूत सुरक्षित रखने की अपील की है।