Air Pollution Deaths India : शीतकालीन सत्र के दौरान वायु प्रदूषण को लेकर ऊपरी सदन में माहौल गर्म हो गया। सदस्यों ने पूछा कि क्या वर्ष 2022 में प्रदूषण की वजह से 17 लाख मौतों का दावा सही है और क्या इससे देश की जीडीपी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ? यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई रिपोर्टों में वायु गुणवत्ता को स्वास्थ्य संकट से जोड़ा गया है।
सरकार का जवाब: मौतों और प्रदूषण के बीच सीधा संबंध साबित नहीं
सवालों के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि देश में ऐसा कोई प्रमाणित डेटा उपलब्ध नहीं है, जो सिर्फ वायु प्रदूषण (Pollution Mortality Data) को मौतों या किसी विशेष बीमारी का प्रत्यक्ष कारण साबित कर सके। उन्होंने यह भी माना कि प्रदूषण शरीर पर गंभीर प्रभाव छोड़ता है और कई श्वसन रोगों को बढ़ावा देता है, लेकिन यह कहना कि केवल प्रदूषण के कारण लाखों मौतें हुईं—वर्तमान में पुख्ता प्रमाणों से परे है।
Air Pollution Deaths India : स्वास्थ्य प्रभावों से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू
मंत्री ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Climate Health Program) के ज़रिए प्रदूषण से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य राज्यों में क्षमता निर्माण, संवेदनशील आबादी को जागरूक करना और स्वास्थ्य ढांचे को तैयार रखना है। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य अनुकूलन योजना विकसित की गई है, ताकि बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों से निपटा जा सके।
राज्यों की तैयारी: 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कार्य योजनाएँ
सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य-स्तरीय कार्य योजनाएँ तैयार की गई हैं। इन योजनाओं में वायु प्रदूषण से जुड़े जोखिमों का आकलन, स्थानीय परिस्थितियों के लिए सुझाव और स्वास्थ्य चेतावनी तंत्र जैसे प्रावधान शामिल हैं। मंत्रालय द्वारा समय-समय पर राज्यों को पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की जाती है।
Air Pollution Deaths India : जागरूकता अभियान: प्रदूषण के खतरे बताने के लिए बड़े आयोजन
सरकार हर साल विश्व पर्यावरण दिवस, अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस और राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर जागरूकता अभियान चलाती है। प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से संबंधित विशेष सामग्री तैयार की जाती है, जिसे विभिन्न माध्यमों से आम जनता तक पहुंचाया जाता है। उद्देश्य यह है कि लोग प्रदूषण के खतरों को समझें और अपने स्तर पर भी सावधानी बरतें।
स्वच्छ ईंधन से स्वच्छ हवा तक: केंद्र की प्रमुख पहलें
सरकार ने बताया कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम पहले से लागू हैं—
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत घरों को साफ ईंधन उपलब्ध कराना,
- स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से शहरी और ग्रामीण सफाई व्यवस्था को सुधारना,
- और वर्ष 2019 में शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम जो शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनाने पर केंद्रित है।
इन पहलों का उद्देश्य लंबे समय में प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करना है।


