सीजी भास्कर, 08 जून : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (Ajit Jogi Statue Controversy) ने प्रेस वार्ता कर गौरैला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में अजीत जोगी की प्रतिमा से जुड़े विवाद पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिमा को उखाड़ने वाले आरोपी पहले शराब पीकर पटियाला ढाबा में बैठे और फिर आधी रात को हाइड्रा मशीन से प्रतिमा उखाड़ कर कचरे में फेंक दी गई। यह घटना 25 मई की रात को हुई, लेकिन दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी न तो प्रतिमा पुनर्स्थापित हुई और न ही दोषी गिरफ्तार हुए।
उन्होंने दावा किया कि दोषियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और हाल ही में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के साथ चाय पीते देखा गया। अमित (Ajit Jogi Statue Controversy) ने यह भी कहा कि जिस भूमि पर प्रतिमा थी, वह जोगी परिवार की निजी संपत्ति है और उस पर नगर पालिका का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने नगर पालिका पर झूठे तर्क देने का आरोप लगाया और कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा के लिए जो प्रस्ताव पारित हुआ था, वह टीकर बायपास के लिए था, न कि ज्योतिपुर चौक के लिए।
अमित जोगी ने चेतावनी दी कि यदि एक माह के भीतर प्रतिमा (Ajit Jogi Statue Controversy) को पूर्व स्थान पर नहीं पुनर्स्थापित किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर जोगी समर्थक रायपुर मुख्यमंत्री निवास तक प्रतिमा लेकर आएंगे और वहीं अनावरण कराने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतिमा का मामला नहीं, बल्कि क्षेत्र की अस्मिता और छत्तीसगढ़ के माटीपुत्रों के सम्मान से जुड़ा विषय है।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ जोगी ही नहीं, बल्कि भँवर सिंह पोर्ते की भी प्रतिमा उपेक्षित अवस्था में है और उस पर भी ध्यान देना चाहिए। अंत में उन्होंने यह अपील की कि प्रतिमा को लेकर राजनीति न की जाए और सभी महान विभूतियों को सम्मान दिया जाए।