सीजी भास्कर 22 मई पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित जाँच समिति ने भी अपनी विस्तृत रिपोर्ट में इस हिंसा की क्रूरता को उजागर किया है, जिसमें सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पार्षद और विधायक की संलिप्तता की बात सामने आई है। यह हिंसा वक्फ संशोधन बिल के पास होने के दौरान शुरू हुई, जिसके विरोध की आड़ में हिंदुओं को निशाना बनाया गया। हिंदुओं के घरों को फूँकने के बाद उन घरों के पानी के कनेक्शन भी काट दिए गए, ताकी जलते घरों की आग को बुझाया न जा सके।
ऑपइंडिया ने इन घटनाओं की विस्तृत कवरेज पहले ही की थी और अब हाई कोर्ट की जाँच कमेटी की रिपोर्ट ने इन दावों पर मुहर लगा दी है।कलकत्ता हाई कोर्ट की जाँच कमेटी की रिपोर्ट में हिंदुओं को निशाना बनाने की घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा की शुरुआत 11 अप्रैल 2025 को शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे के बाद हुई और यह 12 अप्रैल 2025 को भी जारी रही। यह हिंसा मुर्शिदाबाद के बेटबोना गाँव, धूलियान, पालपारा (वार्ड नंबर 16), समसेरगंज, हिजलतला, शिउलीतला, डिगरी और घोषपारा जैसे क्षेत्रों में हुई। बेटबोना गाँव में 113 घर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जो अब रहने लायक नहीं बचे हैं और इन्हें पूरी तरह से दोबारा बनाना होगा।
पानी का कनेक्शन काट दिया गया, ताकि बुझाई न जा सके आगहमलावरों ने सुनियोजित तरीके से पानी की पाइपलाइन काट दी, पानी के टैंक और सबमर्सिबल पंप को नष्ट कर दिया ताकि पीड़ित आग बुझा न सकें। मिट्टी का तेल डालकर घरों में आग लगाई गई, जिससे सारी संपत्ति जलकर राख हो गई। मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के घर में रखे सभी कपड़ों को जला दिया गया, ताकि घर की महिलाओं के पास अपने शरीर को ढकने के लिए कुछ भी न बचेरिपोर्ट में कई पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए हैं, जो इस हिंसा की क्रूरता को बयान करते हैं। सभी पीड़ित हिंदू समुदाय से हैं और उन्होंने बताया कि कैसे उनके घरों को जलाया गया, संपत्ति लूटी गई और उनके परिवार पर जानलेवा हमले किए गए।प्रतिमा मंडल (बेटबोना): प्रतिमा मंडल ने बताया कि उनके घर के पास एक जिंदा बम पाया गया था। हमलावरों ने उनके घर से सोने के गहने और फर्नीचर लूट लिया।
इस हमले में कई अन्य प्रभावित लोग भी शामिल हैं। हमला पीड़ितों मनोज रॉय, आकाश मंडल, बिकाश मंडल, निखिल मंडल, चित्ता रॉय, बाबूल मंडल, निबारून मंडल, शम्पा मंडल, भबानंदा घोष, बसुदेब मंडल, राम मंडल, अर्जुन मंडल और लतिका मंडल शामिल हैं।प्रशांत मंडल और सरस्वती मंडल: इस दंपति ने बताया कि उनके टोटो वैन, मोटरसाइकिल, साइकिल और एक ट्रैक्टर को लूट लिया गया और उनमें आग लगा दी गई।फूलचंद मंडल और पलाश मंडल: इन पीड़ितों ने बताया कि वह तीन सदस्यों वाला परिवार हैं, जिसमें उनकी पत्नी और एक छोटा बच्चा शामिल है। हमलावरों ने उनके घर को तबाह कर दिया और उस जगह को रहने लायक नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनकी पत्नी और बच्चे को बचाने के लिए भागने की कोशिश करने वालों पर चाकू से हमला किया। चाकू उनकी गर्दन और नाभि पर मारा गया, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई।
परूल दास: परूल दास ने बताया कि हमलावरों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ दिया, खिड़कियाँ तोड़ दीं, और बोतलें व पत्थर फेंके। उन्होंने उनकी पत्नी और बेटे को अगवा कर लिया। हमलावरों ने अपने चेहरे कपड़ों से ढके हुए थे ताकि उनकी पहचान न हो सके।हरगोविंदा दास और चंदन दास: सबसे भयावह घटना में 74 वर्षीय हरगोविंदा दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास को उनके मुस्लिम पड़ोसियों ने कुल्हाड़ी से काट डाला। एक व्यक्ति वहां तब तक खड़ा रहा जब तक कि दोनों की मौत नहीं हो गई। यह घटना 12 अप्रैल को हुई। ऑपइंडिया ने बताया कि इस हत्या के बाद इलाके में इतना डर फैल गया कि दोनों के अंतिम संस्कार में भी लोगों ने दूरी बनाकर रखी।कृष्णा चंदा पाल: कृष्णा चंदा पाल ने बताया कि हमलावरों ने उनके घर से 17 लाख रुपये की कीमत के सोने के गहने और फर्नीचर लूट लिया। हमलावरों ने घर के पिछले दरवाजे से घुसकर परिवार के सदस्यों पर हमला किया।