सीजी भास्कर, 18 अप्रैल। प्रयागराज हाई कोर्ट ने गलत तथ्यों के साथ एक ही मामले पर दो बार याचिका करने वाले रवीन्द्र कुमार सिंह को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है। इसके साथ ही चेतावनी देते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी जौनपुर को चार हफ्ते में हर्जाना वसूल कर कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा याची ने गलत बयानी कर कपट किया है। कोई ऐक्शन लेने के बजाय हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की एकलपीठ ने रवीन्द्र कुमार सिंह की याचिका विपक्षी अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह की संपत्ति पर खारिज करते हुए दिया है।
क्या था मामला जिस पर दो बार लगाई गई याचिका? : याचिका में गांव सभा की जमीन का घोटाला करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने, पांच सदस्यीय जांच कमेटी को बहाल कर रिपोर्ट मंगाने एवं विपक्षियों को अनुचित तौर पर आवंटित राशि की वसूली करने की मांग की गई थी।
विपक्षी अधिवक्ता ने कहा इससे पहले भी याचिका दायर की थी.कोर्ट ने जब याची की सत्यता पर हलफनामा मांगा तो याचिका वापस ले ली गई और उन्हीं तथ्यों को लेकर दोबारा याचिका दायर की। दोनों बार गलत तथ्यों को लेकर याचिका दायर की गई। जिसे कोर्ट ने कपट माना और हर्जाना लगाया है।
क्या कहता है नियम? : नियम के अनुसार एक ही मामले में दो बार याचिका दायर नहीं की जा सकती है। इसमें कुछ अगर नए तथ्य होते है तो ऐसा किया जा सकता है।
अगर उन्हीं तथ्यों के साथ दोबारा याचिका पेश होती है तो ये कोर्ट का अपमान माना जाता है। न तो एक ही मामले में दो बार एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है और न ही याचिका दायर हो सकती है।
किसी आपराधिक मामले में अगर कोई एफआईआर रद्द की जा चुकी है तो उस मामले में फिर से दूसरी FIR दर्ज कराई जा सकती है।