उदयपुर फाइल्स फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि संबंधित अदालत के समक्ष फिल्म के मामले को दोबारा ओपन करने के लिए मेंशन करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म को रिलीज होने दें.
फिल्म उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल साहू की हत्या पर आधारित है. वकील ने कहा कि फिल्म शुक्रवार (11 जुलाई) को रिलीज हो रही है. फिल्म का ट्रेलर 4 जुलाई को रिलीज हुआ था. वे केवल अभियोजन पक्ष का पक्ष दिखा रहे हैं. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि संबंधित अदालत के समक्ष फिल्म के मामले को दोबारा से ओपन करने के लिए मेंशन करें. इसे रिलीज होने दें.
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई
वहीं, आज फिल्म को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी सुनवाई है. अदालत से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिकाओं में कथित अभद्र भाषा और सांप्रदायिक सद्भाव के आधार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
मौलाना अरशद मदनी की तरफ से भी याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया कि मौलाना अरशद मदनी और देवबंद दारुल उलूम कों लेकर विवादित टिप्पणी की गई है. एक याचिका रजा एकेडमी दिल्ली सेक्रेटरी और MSO के चेयरमैन डॉक्टर शुजाअत अली ने दाखिल की है.
याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म के ट्रेलर मे पैगम्बर ए इस्लाम और उनकी पवित्र पत्नियों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें हैं, जिससे देश की शांति और व्यवस्था बिगड़ सकती है. यह फिल्म पूरी तरह एक धार्मिक समुदाय को बदनाम करती है, जिससे नफ़रत को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों के बीच आपसी सम्मान व सामाजिक सौहार्द्र को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए हमने हाई कोर्ट का रुख किया है और हमारी मांग है कि इस फिल्म के रिलीज पर फौरन पाबंदी लगाई जाए.
फिल्म के डायरेक्टर ने क्या कहा?
फिल्म के डायरेक्टर भारत एस श्रीनेत ने कहा कि एक सीक्वेंस पैगम्बर मोहम्मद के ऊपर है लेकिन उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर 130 कट्स लगाए हैं और दो महीने का समय लेने के बाद इसे A सर्टिफ़िकेट के साथ पास किया है. कन्हैयालाल साहु की हत्या क्यों और कैसे हुई. इस तरह के लोगों की क्या मानसिकता होती है ये पूरे देश को जानना ही चाहिए. जिन्हें आपत्ति है वो एक बार इस फिल्म को जरूर देखें. उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी.