सीजी भास्कर 3 सितम्बर
नई दिल्ली/छत्तीसगढ़। देश में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को और मजबूती मिली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर हुए ऐतिहासिक ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में हिस्सा लेने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, DRG और कोबरा बटालियन के जवानों को सम्मानित किया।
शाह ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर शौर्य दिखाने वाले जवानों को शॉल पहनाकर और बधाई देकर हौसला बढ़ाया।
31 नक्सलियों का खात्मा, नक्सल विरोधी अभियान की सबसे बड़ी सफलता
14 मई 2024 को हुए इस ऑपरेशन को नक्सल विरोधी इतिहास का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है। इसमें सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कुर्रगुट्टालु पहाड़ (KGH) में घुसकर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया था।
ऑपरेशन के दौरान पहाड़ी की गर्मी, ऊंचाई और हर कदम पर IED धमाकों के खतरे के बावजूद जवानों ने दुश्मनों के बेस कैंप को तबाह कर दिया।
शाह बोले – “इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा यह अभियान”
सम्मान समारोह में गृह मंत्री ने कहा –
"नक्सलियों के खिलाफ जब भी भारत का इतिहास लिखा जाएगा, ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में हमारे जवानों की वीरता और बलिदान को स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों ने वर्षों तक विकास रोककर देश के सबसे पिछड़े इलाकों को नुकसान पहुंचाया। स्कूल, अस्पताल और सरकारी योजनाओं तक पहुंच बंद कर दी।
लेकिन सुरक्षाबलों ने न केवल उनका मटेरियल डंप और सप्लाई चेन तोड़ी, बल्कि आम लोगों के बीच नया विश्वास भी जगाया।
31 मार्च 2026 तक भारत होगा नक्सल मुक्त – अमित शाह
गृह मंत्री ने दोहराया कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक हर नक्सली या तो समर्पण न कर दे, गिरफ्तार न हो जाए या खत्म न कर दिया जाए, तब तक अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में घायल हुए जवानों के जीवन को सुचारू बनाने के लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी।
शाह ने कहा कि इस लड़ाई की वजह से पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में शांति और विकास की नई सुबह हुई है।