सीजी भास्कर, 3 अगस्त |
रायपुर/नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर सुर्खियों में आते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महादेव सट्टा ऐप, शराब और कोयला घोटालों में जांच एजेंसियों की सख्ती के बीच, बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
बघेल का आरोप है कि जैसे उनके बेटे चैतन्य बघेल को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत गिरफ्तार किया गया, वैसे ही अब उन्हें भी टारगेट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं, फिर भी उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई का डर है।
बेटे के बाद अब खुद की गिरफ्तारी की आशंका
गौरतलब है कि शराब घोटाले में बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पहले से ही जेल में हैं। अब भूपेश बघेल खुद ED, EOW और CBI के रडार पर हैं। उनकी याचिका में कहा गया है कि चैतन्य का नाम न तो FIR में है और न ही किसी गवाह के बयान में, फिर भी उन्हें फंसाया गया।
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा ऐप, शराब और कोयला घोटाले की जांच अब तेज हो चुकी है। इन घोटालों में बघेल परिवार का नाम सामने आने के बाद से प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
ईडी का छापा और सियासी संग्राम
करीब 5 महीने पहले ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री के भिलाई स्थित घर पर छापा मारा था। 10 घंटे चली इस कार्रवाई में करीब 32-33 लाख रुपये और कई दस्तावेज जब्त किए गए थे। कार्रवाई के दौरान नोट गिनने की मशीन और सोने की जांच के उपकरण तक मंगाए गए थे।
इस दौरान छत्तीसगढ़ की सियासत में भी उबाल आ गया था। ईडी की टीम पर पथराव हुआ, पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। पूरे राज्य में इसे लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई।
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी या संकट गहराएगा?
अब देखना ये होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट से बघेल को अग्रिम जमानत मिलती है या जांच एजेंसियां अगला कदम उठाती हैं। याचिका पर जल्द सुनवाई की संभावना जताई जा रही है।