सीजी भास्कर, 9 दिसंबर। उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के 625 पदों पर भर्ती (Assistant Professor Recruitment Delay) की घोषणा किए हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है पर अब तक इसका आधिकारिक विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। अभ्यर्थियों को उम्रसीमा पार होने का डर सता रहा है।
इसके अलावा प्रशासनिक ढांचे में वरिष्ठ अधिकारी वर्ग के 25 व 50 पद के लिए भी कोई सूचना जारी नहीं हुई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अक्टूबर के अंत तक भर्ती विज्ञापन जारी होने के संकेत दिए गए थे, लेकिन अब दिसंबर शुरू हो चुका है और प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। यदि विलंब होता रहा तो 50 वर्ष आयु सीमा के करीब पहुंच चुके पात्र आवेदक चयन प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं।
उम्रसीमा को लेकर सबसे बड़ी चिंता
सहायक प्राध्यापक भर्ती (Assistant Professor Recruitment Delay) में अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष तय है। बड़ी संख्या में वे उम्मीदवार शामिल हैं जिन्होंने 2019 के बाद से अब तक विभिन्न विषयों में नेट, पीएचडी योग्यता के बावजूद नियुक्ति नहीं पाई। इनका कहना है कि यदि भर्ती का विज्ञापन जल्द नहीं निकला तो वे योग्यता होने के बावजूद अधिक आयु के कारण मौका खो सकते हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि विज्ञापन जारी होने में हो रही देरी को देखते हुए या तो अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए या शीघ्र विज्ञापन जारी किया जाए, ताकि वे आवेदन कर सकें।
किन विषयों के लिए आवेदन अपेक्षित
सूत्रों के अनुसार सहायक प्राध्यापक के 625 पदों में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, भूगोल, वाणिज्य, कंप्यूटर, गणित सहित विज्ञान वर्ग के प्रमुख विषय शामिल हैं। वहीं 25 और 50 पदों वाली भर्ती तीन श्रेणियों में विभाजित की जानी है, जिनका ढांचा पहले से तैयार बताया जा रहा है। फिलहाल विभाग की ओर से केवल पद पर्यवेक्षण और सीट वितरण की प्रक्रिया पूर्ण होने की जानकारी मिली थी, लेकिन विज्ञापन सार्वजनिक करने का अंतिम चरण अभी भी अधर में है।
(Assistant Professor Recruitment Delay) क्यों बढ़ रही है बेचैनी
घोषणा के लगभग दो महीने बाद भी नोटिफिकेशन नहीं
पात्र अभ्यर्थी आयु सीमा पार होने को लेकर चिंतित
नेट, जेआरएफ, पीएचडी कर चुके उम्मीदवार लगातार अपडेट की प्रतीक्षा में
कालेजों में रिक्तियां वर्षों से लंबित, नए सत्र पर भी प्रभाव की आशंका
कालेजों में शोध कार्य हो रहे प्रभावित
प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि लगातार विलंब न केवल अवसर को प्रभावित कर रहा है, बल्कि निजी महाविद्यालयों में उपलब्धता और शोध कार्य में आगे बढ़ने की योजना भी बाधित हो रही है। चयन प्रक्रिया शुरू हो, ताकि पढ़ाई पूरी कर चुके युवा जल्द शिक्षण सेवा में योगदान दे सकें।
सरकार की घोषणा ने हजारों उम्मीदवारों को उम्मीद दी थी, लेकिन विज्ञापन जारी न होने से अब वही उत्साह चिंता में बदल रहा है। अभ्यर्थियों की नजरें अब दिसंबर में संभावित अधिसूचना पर टिकी हैं। यदि विभाग समय पर कदम उठाता है तो लंबे समय से इंतजार कर रहे शिक्षण योग्य अभ्यर्थियों को राहत मिल सकती है।


