सीजी भास्कर, 28 मई : आयुर्वेद (Ayush Department) अब पहाड़ों, जंगलों और दूर-दराज़ के गांवों की दहलीज़ पर दस्तक दे रहा है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की पहल पर छत्तीसगढ़ के दस जिलों में ‘आयुष मोबाइल मेडिकल यूनिट’ का सफल संचालन किया जा रहा है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत वर्ष 2024 में प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य है-पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को देश के अंतिम छोर तक पहुँचाना।
सरगुजा, रायगढ़, बस्तर, महासमुंद, बालोद, बलरामपुर, गरियाबंद, जशपुर, कोरिया और कबीरधाम ज़िलों में चल रही इस अभिनव योजना (Ayush Department) के तहत विशेष रूप से पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) क्षेत्रों में रहने वाली जनजातीय आबादी को प्राथमिकता दी जा रही है। मोबाइल यूनिट हर सप्ताह तयशुदा दिन पर इन क्षेत्रों में पहुंचकर ओपीडी शिविर आयोजित करती है।
इन शिविरों में संचारी व गैर संचारी रोगों की जाँच कर रोगियों को निःशुल्क आयुष औषधियाँ वितरित की जाती हैं। साथ ही आयुष चिकित्सक ग्रामीणों को घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक दिनचर्या, रात्रिचर्या और आहार-विहार संबंधी सलाह देकर उन्हें एक संतुलित व स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 18,405 से अधिक लोगों ने इस सेवा का लाभ उठाया है। यह पहल न सिर्फ़ सुलभ और भरोसेमंद आयुर्वेदिक (Ayush Department) उपचार को सुदूर क्षेत्रों तक पहुँचा रही है, बल्कि लोगों के मन में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता और विश्वास भी जगा रही है। स्वास्थ्य सेवा की यह पहल वास्तव में जन-जन की सेहत से जुड़ा एक सार्थक अभियान बन चुकी है, जो ग्रामीण भारत की नई उम्मीद बनकर उभर रही है।