सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर गहरी चिंता व्यक्त की है. SCBA ने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था. इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट परिसर में इस समय कोई भी फोटो और वीडियोग्राफी कर लेता है. इस बात पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने नाराजगी जाहिर की थी. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और रील बनाने पर गंभीर आपत्ति जताई थी. इस मामले पर SCBA ने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया है और रील बनाने पर रोक लगा दी है.
SCBA ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने, जागरूकता अभियान चलाने और उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का सुझाव दिया था. बार एसोसिएशन ने इसके पीछे की वजह न्यायालय की गरिमा बनाए रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया है.
बार एसोसिएशन (SCBA) ने दिए थे ये सुझाव
1. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की तरफ से कुल 6 सुझाव दिए गए थे. इन सुझावों को लागू करने की मांग भी की गई है, ऐसा करने से सुप्रीम कोर्ट की गरिमा कम हो जाती है.
2. मांग की गई कि स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे जो अधिवक्ताओं को माननीय न्यायालय परिसर, गलियारों, लॉबी और विशेष रूप से न्यायालय कक्षों में, अधिकारियों की अनुमति के बिना, फिल्मांकन, रिकॉर्डिंग या कैप्चरिंग (सेल्फ़ी, रील या कोई भी सोशल मीडिया पोस्ट सहित) करने से सख्ती से प्रतिबंधित करेंगे.
3. कोर्ट परिसर में नोटिस और साइनेज प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें स्पष्ट रूप से बताया गया हो कि अधिवक्ताओं और आगंतुकों द्वारा, विशेष रूप से उच्च सुरक्षा क्षेत्र में, वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया सामग्री बनाने पर प्रतिबंध है.
4. एससीबीए को वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन में नियमित कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान आयोजित करने चाहिए, जिसमें बार के युवा सदस्यों को शिक्षित किया जाए और उन्हें सोशल मीडिया पर सहमति के बारे में जागरूक किया जाए.
5. एससीबीए ऐसे किसी भी अधिवक्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करेगा जो ऐसे निषेधों का उल्लंघन करता पाया जाता है, जैसे एसोसिएशन से सदस्यता निलंबित करने के लिए चेतावनी पत्र. इसके अलावा, एससीबीए संबंधित राज्य बार काउंसिलों को उनके अधिवक्ताओं के आचरण के बारे में सूचित करके उचित कदम उठाएगा.
6. नियमों की निगरानी के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए.
कार्यकारी समिति अधिवक्ताओं की तरफ से इस तरह के व्यवहार की निंदा/निंदा करती है. उपरोक्त प्रस्ताव पर दिशानिर्देशों के लिए विचार किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के हाई सिक्योरिटी जोन में वीडियोग्राफी, रील बनाना या मोबाइल से वीडियो बनाना प्रतिबंधित होना चाहिए. इन मांगों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया है.