बस्तर, 08 नवंबर। छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। Bastar Eco Tourism के तहत इस साल अमेरिका, फ्रांस, रूस और यूक्रेन से आए करीब 120 विदेशी पर्यटक यहां की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने पहुंचे।
यह आंकड़ा इस बात का सबूत है कि बस्तर अब सिर्फ भारत नहीं, बल्कि दुनिया के इको-टूरिज्म नक्शे पर अपनी मजबूत पहचान बना रहा है।
Bastar Eco Tourism : प्राकृतिक सुंदरता का केंद्र
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान बस्तर की सबसे प्रमुख पहचान बन चुका है। इसकी हरी-भरी घाटियाँ, तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर जलधारा और प्रसिद्ध Kotumsar Caves पर्यटकों को रोमांच और शांति दोनों का अनुभव कराती हैं।
बारिश के चार महीनों तक बंद रहने के बाद अब Kotumsar Cave को फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इस गुफा की गहराई और प्राकृतिक बनावट विदेशी सैलानियों को खासा आकर्षित कर रही है।
जैव विविधता की अनोखी झलक
वन विभाग के अनुसार, बीते छह महीनों में ही 37,782 पर्यटक Kanger Valley National Park पहुंचे हैं, जिनमें विदेशी सैलानी भी शामिल हैं। यहां की समृद्ध जैव विविधता, दुर्लभ पशु-पक्षी और अद्वितीय पेड़-पौधे बस्तर के पर्यटन को खास बनाते हैं।
इस क्षेत्र में Mouse Deer, Softshell Turtle और Indian Wolf जैसी दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती हैं। वहीं, लगभग 900 से अधिक वनस्पतियों और 140 से अधिक Butterfly Species की उपस्थिति ने इसे बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट बना दिया है।
Bastar Eco Tourism : बस्तर की कांगेर घाटी विश्व धरोहर सूची में शामिल होने की राह पर
यूनेस्को द्वारा Kanger Valley National Park को World Heritage Temporary List में शामिल किया जाना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। यह राज्य का पहला स्थल है जिसे “Natural Heritage” श्रेणी में मान्यता मिली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो अगले वर्ष यह स्थल स्थायी विश्व धरोहर स्थल के रूप में दर्ज हो सकता है।
वैश्विक मानचित्र पर चमक रहा छत्तीसगढ़ का यह हरा रत्न
बस्तर का यह प्राकृतिक सौंदर्य, अनोखी संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली अब विदेशी यात्रियों को भी अपनी ओर खींच रही है। स्थानीय लोगों का आतिथ्य और क्षेत्र की शुद्धता इसे एक अलग ही अनुभव बनाते हैं।
ट्रैवल विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के Eco Tourism Initiatives से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।
Bastar Eco Tourism 2025 अब एक ग्लोबल पहचान की ओर बढ़ चुका है।
बस्तर की वादियां, झरने और गुफाएं सिर्फ प्रकृति नहीं, बल्कि भारत की धड़कन हैं — और यही कारण है कि हर साल सैकड़ों विदेशी सैलानी यहां की मिट्टी से जुड़ने आते हैं।
