सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ शासन जनसंपर्क विभाग और बस्तर संभाग के जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से शुरू हुआ (Bastar Rising) विशेष अभियान अब बस्तर की पहचान को नई ऊंचाई देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस अभियान की टीम आज केशकाल विकासखंड के टाटामारी पहुँची, जहाँ उन्होंने क्षेत्र की प्राचीन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन किया।
अभियान के प्रथम दिन हिमाचल प्रदेश से आए नवाचारी दल ने पुरातात्विक महत्व के स्थान गोबरहीन के प्राचीन शिवलिंग का निरीक्षण किया और छठवीं शताब्दी के गढ़ धनोरा के इतिहास से रूबरू हुए। इसके बाद टीम ने होनहेड़ जलप्रपात की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया और उसकी भव्यता की सराहना की।
”हार्मोनी फेस्ट 2025” के अंतर्गत “बस्तर राइजिंग” का उद्देश्य
उल्लेखनीय है कि ”हार्मोनी फेस्ट 2025” के अंतर्गत (बस्तर राइजिंग) एक बहुआयामी अभियान है, जिसका उद्देश्य बस्तर की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशीलता क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना और एक नई पहचान दिलाना है। इस पहल के तहत जनसंपर्क विभाग द्वारा विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
“दिल मेला दिल में ला” थीम पर आधारित (Bastar Rising) अभियान के माध्यम से बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, लोक संस्कृति और नवाचारों को पूरे देश में प्रसारित किया जाएगा। इस पहल से स्थानीय युवाओं को रोजगार, कला संरक्षण और हस्तशिल्प उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
सात सदस्यीय नवाचारी टीम में ‘प्लेसेज ऑफ पॉसिबिलिटीज़‘ के संस्थापक प्रतुल जैन, परीना सिंघल, पलक चौधरी, आयुषी कपूर, निष्ठा जोशी, सदफ अंजुम और फ्रानो डिसिल्वा शामिल हैं। ये सभी सदस्य बस्तर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर वहाँ की परंपराओं, हस्तशिल्प और जीवनशैली को डॉक्युमेंट कर रहे हैं, जिससे (Bastar Rising) के माध्यम से बस्तर की पहचान देशभर में गूंज सके।