सीजी भास्कर, 12 सितंबर। भालू के हमले (Bear Attack) में गंभीर रूप से घायल एक गर्भवती महिला ने महतारी एक्सप्रेस (108) एंबुलेंस में स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। यह घटना बुधवार की रात उस समय हुई जब घायल महिला को रायपुर ले जाया जा रहा था। कोरबा जिले के मड़ई के पास अचानक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महतारी एक्सप्रेस के ईएमटी और पायलट ने मौके पर ही सुरक्षित प्रसव कराकर सतर्कता और सेवाभाव का दुर्लभ उदाहरण पेश किया।
एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत बिहारपुर के आश्रित ग्राम छिरछा की रहने वाली 30 वर्षीय शांति बाई पति ब्रह्मानंद बुधवार सुबह खेत की ओर जा रही थी। सुबह लगभग छह बजे खेत की ओर जाते समय भालू का हमला (Wild Animal Attack) हो गया। हमले में महिला के चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। स्वजन ने तत्काल उसे मनेंद्रगढ़ अस्पताल पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर होने पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। यहां डॉक्टरों ने महिला के गर्भ में नौ माह का शिशु होने और चेहरे की चोटों को देखते हुए उसे रायपुर प्लास्टिक सर्जरी हेतु भेजने का निर्णय लिया।
आपात स्थिति को देखते हुए महिला के लिए महतारी एक्सप्रेस की व्यवस्था की गई। रायपुर ले जाते समय रात करीब 8.45 बजे महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर एंबुलेंस के ईएमटी सत्येंद्र सिंह और पायलट खेलसाय ने तुरंत वाहन को सड़क किनारे रोका और आपातकालीन प्रसव (Emergency Delivery) कराया। रात करीब 9.11 बजे प्रसव सफलतापूर्वक पूरा हुआ और नवजात शिशु तथा मां दोनों को सुरक्षित रायपुर मेकाहारा अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि शिशु पूर्णत: स्वस्थ है जबकि महिला को प्लास्टिक सर्जरी के लिए डीकेएस अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया है। स्वजन के अनुसार यह शांति बाई का आठवां बच्चा है। भालू के हमले के बावजूद महिला ने हिम्मत और धैर्य बनाए रखा। चेहरे पर गहरी चोटें और मांस नोच जाने के बाद भी उसने संयम नहीं खोया। महतारी एक्सप्रेस कर्मियों की सेवाभावना और साहस ने इस घटना को मानवता का उदाहरण (Humanity Example) बना दिया है।