सीजी भास्कर, 20 मई। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के अटारी वाघा सीमा पर मंगलवार से ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह आज से फिर शुरू हो रहा है।
शिवसेना यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र से पूछा है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह फिर से शुरू क्यों हो रहा है? आखिर इसका औचित्य क्या है?
हालांकि, उन्होंने एक्स पोस्ट में इस पर डिटेल में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बस, इतना पूछा है कि व्हाई बीटिंग रिट्रीट? बता दें कि इस मसले पर प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा सवाल उठाना ही आपने आप में काफी अहम है?
‘नहीं मिलेंगे हाथ, ना खुलेंगे गेट’
दरसअल, बीएसएफ अधिकारियों ने सोमवार (19 मई) को बताया था कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पंजाब स्थित तीनों सीमा चौकियों (अटारी-वाघा अमृतसर), (हुसैनवाला फिरोजपुर) और सादकी फाजिल्का पर बीटिंग रिट्रीट समारोह मंगलवार (20 मई) से फिर से शुरू हो जाएगा।
हालांकि, अब यह समारोह में आकार में पहले से छोटा होगा. अब बीएसएफ के जवान पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाएंगे. ध्वज उतारने की प्रक्रिया के दौरान गेट नहीं खोले जाएंगे।
आम लोगों के प्रवेश पर थी रोक, हर रोज उतर रहे थे ध्वज
बीएसएसफ के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 8 मई से बीएसएफ के जवान हर दिन ध्वज उतार रहे थे, लेकिन केवल आम लोगों का प्रवेश रद्द किया गया था. बीएसएफ ने 8 मई को “सार्वजनिक सुरक्षा” के मद्देनजर इन तीन स्थानों पर आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी.
बीएसएफ के अफसरों के अनुसार यह निर्णय भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के खिलाफ जवाबी सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के एक दिन बाद लिया गया था।
BSF की घोषणा गांव के लोगों की बड़ी राहत
बीएसएफ द्वारा बीटिंग रिट्रीट फिर से शुरू होने की घोषणा अटारी वाघा सीमा के निकट गांव में रहने वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जिनकी आजीविका बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान इसे देखने के आने वाले पर्यटकों और व्यापार पर निर्भर थी.